माओवादियों से कथित संबंधों के चलते नागपुर केन्द्रीय कारागार में बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने आशंका जतायी है कि वह जेल में कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं क्योंकि यह बीमारी उनके ''काफी करीब पहुंच चुकी'' है.साईबाबा के परिवार ने यह बात कही है. उनके परिवार ने केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार से उन्हें तत्काल जमानत या पैरोल पर रिहा करने की अपील की है ताकि उन्हें या तो हैदराबाद या फिर दिल्ली में उचित चिकित्सा उपचार दिया जा सके. हैदराबाद और दिल्ली में उनके परिवार के सदस्य रहते हैं.
जेल अधिकारियों ने 53 वर्षीय साईबाबा को अपनी हालत के बारे में अपने वकील और परिवार को बताने की विशेष अनुमति प्रदान की. गौरतलब है कि 2014 में माओवादियों से संबंध रखने के सिलसिले में गिरफ्तार हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को गढ़चिरौली सेशंस कोर्ट ने दोषी ठहराया था. कोर्ट ने उनको और चार अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई थी जबकि एक को 10 साल की सजा सुनाई थी.
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