पाकिस्तान में न्यूक्लियर लीकेज को लेकर चल रहीं अफवाहों पर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ चीजें जरूर चल रही हैं. इजिप्ट, अमेरिका विमानों की बात कही जा रही है. इन सवालों के जवाब उनकी तरफ से ही आने हैं, लेकिन हमारी तरफ से यह बात बिल्कुल साफ है, जिसे सेना की ब्रीफिंग में भी बताया गया था कि हमारे टारगेट बिल्कुल क्लियर थे.
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हमले की अटकले लगाए जाने पर कहा कि हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों तक सीमित थी. भारत ने उन आतंकवादी ढांचों को नष्ट किया जो न केवल भारतीयों की, बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए भी जिम्मेदार थे.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि को सस्पेंड रखा गया है. जब तक पाकिस्तान आतंक को समर्थन देगा, यह समझौता रद्द रहेगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि 10 मई को जब पाकिस्तान के एयरबेस तबाह किए गए तो वह घुटनों पर आ गया. उसने अपना रुख बदला. उसके डीजीएमओ के जरिए भारत से संपर्क किया.
एमईए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साथ ही कहा कि हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा. इस घोषित नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि भारत ने पाकिस्तान के किराना हिल्स पर हमला किया, जहां कथित तौर पर परमाणु हथियारों से जुड़ा सेंटर है. हालांकि इससे पहले एयर ऑपरेशंस के डॉयरेक्टर जनरल एयर मार्शल एके भारती ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था, "हमें यह बताने के लिए शुक्रिया कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु इंस्टॉलेशंस हैं. हमें इसके बारे में नहीं पता था." फिर इसके बाद उन्होंने संजीदगी से बताया, "हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, जो कुछ भी वहां है. मैंने कल अपनी ब्रीफिंग में इस बारे में जानकारी नहीं दी थी."
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