विदेशी फंडिंग नियमों के कथित उल्लंघन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पर्यावरण मामलों के वकील ऋत्विक दत्ता और उनके एनजीओ के खिलाफ केस दर्ज किया है. ऋत्विक दत्ता ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ वन संरक्षण पर एक किताब भी लिखी है. वह वन और पर्यावरण के लिए गैर-लाभकारी कानूनी पहल 'लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एन्वायरमेंट'(LIFE) चलाते हैं.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि ऋत्विक दत्ता ने वित्त वर्ष 2014 में अमेरिका स्थित 'अर्थ जस्टिस' से विदेशी योगदान में 41 लाख रुपये प्राप्त किए. 'अर्थ जस्टिस' एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो कोयला परियोजनाओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कई देशों में पर्यावरण वकीलों को फंड मुहैया कराती है.
सीबीआई ने कहा कि दत्ता ने इसके बाद LIFE प्रोप्राइटरशिप बनाई. इसे बाद में 2016 से 2021 के दौरान 'अर्थ जस्टिस' से 22 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली. सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि 'अर्थ जस्टिस' और एक अन्य यूएस-आधारित गैर-लाभकारी संस्था 'सैंडलर फाउंडेशन' कानूनी सक्रियता के लिए फंड देने और भारत की मौजूदा व प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं को बंद करने की योजना बना रहे हैं. ये सीधे तौर पर विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के खिलाफ है.
जांचकर्ताओं ने कहा कि ये फंड भारत की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए थे.
उन्होंने कहा कि यूरोपियन क्लाइमेट फ़ाउंडेशन भी मुकदमे के लिए 'अर्थ जस्टिस' के जरिए ऋत्विक दत्ता के LIFE संस्था को 120,000 डॉलर दे रहा है. इसलिए LIFE भारत में जो मामले लड़ रहा है, वह वास्तव में विदेशी गैर-लाभकारी संस्थाओं द्वारा वित्तपोषित है.
ये भी पढ़ें:-
भ्रष्टाचार वाले देशों में होता है क्रिप्टो का गैर कानूनी गतिविधियों में अधिक इस्तेमाल
नए साल में अच्छा-खासा विदेशी निवेश हासिल करेंगी स्टार्टअप कंपनियां
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं