रोमन सैनी ने पढ़ाने के लिए आईएएस अधिकारी जैसी आकर्षक नौकरी छोड़ दी
जबलपुर:
जीवन में कुछ बेहतर करने की ललक के साथ समाज की राष्ट्रीयस्तर पर अर्थपूर्ण सेवा के लिये आईएएस अधिकारी रोमन सैनी ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा दे दिया है।
जबलपुर के कलेक्टर एस.एन. रूपला ने बताया, ‘राष्ट्रीय स्तर पर कुछ और बेहतर करने के लिये सैनी (24) ने सितंबर 2015 में आईएएस सेवा छोड़ने का निर्णय लिया।’ उनके अनुसार युवा आईएएस अधिकारी ने सिविल सेवा में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को मुफ्त में पढ़ाने के लिये ‘अनएकेडमी’ नामक एक संस्था शुरू की है।
उन्होंने कहा कि 2013 में 21 वर्ष की आयु में सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सैनी का इस्तीफा केन्द्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने फिलहाल स्वीकार नहीं किया है।
रोमन सैनी ने फेसबुक पर लिखा, ‘गौरव मुंजाल, जिसे मैं स्कूल के समय से अपने निकट के मित्र के तौर पर जानता था, ने वर्ष 2011 में मुझे फोन किया और अपनी नई योजना ‘अनएकेडमी’ के बारे में बताया, जिसे वह यू-ट्यूब पर पहले ही शुरू कर चुका था और उसके कई वीडियो पोस्ट कर चुका था।’ सैनी ने आगे लिखा, ‘गौरव के पास मुफ्त शिक्षा के लिये एक सोच थी और उसने मुझे भी उसमें शामिल होने के लिये कहा। चार साल बाद आज ‘अनएकेडमी’ भारत की यू-ट्यूब पर देखा जाने वाला सबसे बड़ा संस्थान है। इसके 1.1 करोड़ अध्याय दिये गये हैं जिससे करीब पांच लाख विद्यार्थियों को फायदा पहुंचा है। हाल ही में मैंने और गौरव ने जीवन बदलने वाला निर्णय लिया और हमने ‘अनएकेडमी’ को पूरा समय देने के लिये अपने कार्यों को छोड़ने का निर्णय किया।’
रोमन सैनी ने लिखा है, ‘सिविल सेवा छोड़ने का निर्णय लेना व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिये एक कठिन फैसला था क्योंकि मैं इसका अत्याधिक सम्मान करता हूं। लेकिन मैंने ‘अनएकेडमी’ की निशुल्क शिक्षा की सोच में विश्वास करते हुए अब इसे पूरा समय देने का निर्णय लिया है।’ सैनी के इस कदम पर उनके मित्र गौरव ने फेसबुक पर टिप्पणी की है, ‘ऐतिहासिक कदम। मैंने एक आईएएस को नौकरी छोड़कर एक नया काम करने को मना लिया।’ उन्होंने लिखा है, ‘तू सही में वीर है... रोमन सैनी।’ सैनी ने आईएएस सेवा में शामिल होने से पहले प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से स्नातक की उपाधि भी हासिल की है।
जबलपुर के कलेक्टर एस.एन. रूपला ने बताया, ‘राष्ट्रीय स्तर पर कुछ और बेहतर करने के लिये सैनी (24) ने सितंबर 2015 में आईएएस सेवा छोड़ने का निर्णय लिया।’ उनके अनुसार युवा आईएएस अधिकारी ने सिविल सेवा में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को मुफ्त में पढ़ाने के लिये ‘अनएकेडमी’ नामक एक संस्था शुरू की है।
उन्होंने कहा कि 2013 में 21 वर्ष की आयु में सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले सैनी का इस्तीफा केन्द्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने फिलहाल स्वीकार नहीं किया है।
रोमन सैनी ने फेसबुक पर लिखा, ‘गौरव मुंजाल, जिसे मैं स्कूल के समय से अपने निकट के मित्र के तौर पर जानता था, ने वर्ष 2011 में मुझे फोन किया और अपनी नई योजना ‘अनएकेडमी’ के बारे में बताया, जिसे वह यू-ट्यूब पर पहले ही शुरू कर चुका था और उसके कई वीडियो पोस्ट कर चुका था।’ सैनी ने आगे लिखा, ‘गौरव के पास मुफ्त शिक्षा के लिये एक सोच थी और उसने मुझे भी उसमें शामिल होने के लिये कहा। चार साल बाद आज ‘अनएकेडमी’ भारत की यू-ट्यूब पर देखा जाने वाला सबसे बड़ा संस्थान है। इसके 1.1 करोड़ अध्याय दिये गये हैं जिससे करीब पांच लाख विद्यार्थियों को फायदा पहुंचा है। हाल ही में मैंने और गौरव ने जीवन बदलने वाला निर्णय लिया और हमने ‘अनएकेडमी’ को पूरा समय देने के लिये अपने कार्यों को छोड़ने का निर्णय किया।’
रोमन सैनी ने लिखा है, ‘सिविल सेवा छोड़ने का निर्णय लेना व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिये एक कठिन फैसला था क्योंकि मैं इसका अत्याधिक सम्मान करता हूं। लेकिन मैंने ‘अनएकेडमी’ की निशुल्क शिक्षा की सोच में विश्वास करते हुए अब इसे पूरा समय देने का निर्णय लिया है।’ सैनी के इस कदम पर उनके मित्र गौरव ने फेसबुक पर टिप्पणी की है, ‘ऐतिहासिक कदम। मैंने एक आईएएस को नौकरी छोड़कर एक नया काम करने को मना लिया।’ उन्होंने लिखा है, ‘तू सही में वीर है... रोमन सैनी।’ सैनी ने आईएएस सेवा में शामिल होने से पहले प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से स्नातक की उपाधि भी हासिल की है।
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