प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
सरकार ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने इंस्टेंट नूडल्स बनाने को लेकर मसौदा मानकों को टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि एफएसएसएआई ने इंस्टेंट नूडल्स बनाने के लिए अवयवों, गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानकों और कच्चे माल के संबंध में टिप्पणियों के लिए गत 20 जुलाई को मसौदा मानकों को सार्वजनिक रूप से जारी किया है, जिन्हें बाद में अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा.
उन्होंने कुंवर हरिवंश सिंह के प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया कि नूडल्स की सीजनिंग (मसाले) के संबंध में मानक मसौदा गत 12 जुलाई को जारी किया गया.
नड्डा द्वारा दिए गए लिखित जवाब के अनुसार, मानकों में नूडल्स बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कच्ची सामग्री और उसके साथ दिए जाने वाले मसाले के लिहाज से उल्लेख हैं और बनकर तैयार होने वाले उत्पाद की गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानक भी निर्दिष्ट हैं.
इसमें कहा गया है कि नूडल्स गेहूं के आटे और-या चावल के आटे और-या बाजरा आदि अन्य अनाज और पानी के मुख्य अवयवों के प्रयोग से बनाए जा सकते हैं. मानकों के अनुसार, इनमें मसाले और जरूरत होने पर स्टार्च, सूखे मेवे और सब्जियां, खाद्य प्रोटीन तथा अंडे का पाउडर मिलाया जा सकता है.
मंत्री के जवाब के अनुसार, उत्पाद अच्छे गुणवत्तापूर्ण रंग, दिखावट, खुशबू और स्वाद वाला होगा और इसमें अतिरिक्त रंग, अप्रिय स्वाद, गंदगी, कीड़ों के लार्वा और अन्य किसी तरह का बाहरी पदार्थ एवं अशुद्धता नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि लेबल संबंधी आवश्यकताओं के उल्लंघन की स्थिति में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों और नियमों के अनुसार संबंधित राज्य प्राधिकार कार्रवाई करेंगे. स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मानक तैयार करने का काम केंद्र का है, लेकिन उन्हें लागू करना राज्यों का काम है. नियमित निगरानी, निरीक्षण भी राज्य सरकारें करती हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि एफएसएसएआई ने इंस्टेंट नूडल्स बनाने के लिए अवयवों, गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानकों और कच्चे माल के संबंध में टिप्पणियों के लिए गत 20 जुलाई को मसौदा मानकों को सार्वजनिक रूप से जारी किया है, जिन्हें बाद में अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा.
उन्होंने कुंवर हरिवंश सिंह के प्रश्न के उत्तर में यह भी बताया कि नूडल्स की सीजनिंग (मसाले) के संबंध में मानक मसौदा गत 12 जुलाई को जारी किया गया.
नड्डा द्वारा दिए गए लिखित जवाब के अनुसार, मानकों में नूडल्स बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कच्ची सामग्री और उसके साथ दिए जाने वाले मसाले के लिहाज से उल्लेख हैं और बनकर तैयार होने वाले उत्पाद की गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानक भी निर्दिष्ट हैं.
इसमें कहा गया है कि नूडल्स गेहूं के आटे और-या चावल के आटे और-या बाजरा आदि अन्य अनाज और पानी के मुख्य अवयवों के प्रयोग से बनाए जा सकते हैं. मानकों के अनुसार, इनमें मसाले और जरूरत होने पर स्टार्च, सूखे मेवे और सब्जियां, खाद्य प्रोटीन तथा अंडे का पाउडर मिलाया जा सकता है.
मंत्री के जवाब के अनुसार, उत्पाद अच्छे गुणवत्तापूर्ण रंग, दिखावट, खुशबू और स्वाद वाला होगा और इसमें अतिरिक्त रंग, अप्रिय स्वाद, गंदगी, कीड़ों के लार्वा और अन्य किसी तरह का बाहरी पदार्थ एवं अशुद्धता नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि लेबल संबंधी आवश्यकताओं के उल्लंघन की स्थिति में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों और नियमों के अनुसार संबंधित राज्य प्राधिकार कार्रवाई करेंगे. स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मानक तैयार करने का काम केंद्र का है, लेकिन उन्हें लागू करना राज्यों का काम है. नियमित निगरानी, निरीक्षण भी राज्य सरकारें करती हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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