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This Article is From Aug 18, 2018

तमिलनाडु के थेनी और मदुरै में बाढ़ का अलर्ट जारी 8000 ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया

कावेरी और भवानी नदियों के तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया गया है. मेट्टूर सहित तीन बांधों से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.

तमिलनाडु के थेनी और मदुरै में बाढ़ का अलर्ट जारी 8000 ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया
तमिलनाडु में बाढ़ का अलर्ट जारी
नई दिल्ली: तमिलनाडु के थेनी और मदुरै जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. कावेरी और भवानी नदियों के तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया गया है. मेट्टूर सहित तीन बांधों से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.अधिकारियों ने बताया कि करीब 8,410 लोगों ने कर्नाटक के जलाशयों से काफी मात्रा में जल प्रवाह होने के मद्देनजर राहत शिविरों में शरण ली है. उन्होंने बताया कि मेट्टूर, भवानी सागर और अमरावती बांधों से संयुक्त रूप से 2. 30 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार ने बताया कि पेरियार और वैगई बांधों से बहुत अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते थेनी और मदुरै जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही, राज्य के 13 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया जा चुका है.

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गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गोदावरी नदी के उफान पर होने के कारण सरकारी तंत्र ने तीन जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक रात साढ़े नौ बजे सर आर्थर कॉटन बैराज का स्तर 13.15 लाख क्यूसेक के पार चला गया. इसके बाद दूसरे स्तर की चेतावनी जारी की गयी है. नदी में पानी के उफान को देखते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में आपदा राहत और बचाव टीमों को तैयार रखा गया है. वहीं भारी बारिश की वजह से केरल में भारी जान-माल की हानी हुई है. केरल में मानसूनी बारिश और बाढ़ ने राज्य के लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है. अभी तक बाढ़ की वजह से 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि राज्य में अभी भी एक लाख से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हैं.  शुक्रवार को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत की खबर आई है.

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बाढ़ की वजह से अब प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए ऑक्सीजन की कमी, पेट्रोल-डीजल न होना और सीमित पेयजल एक बड़ी समस्या की तरफ है. बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में काम कर रहे अधिकारियों के अनुसार वहां फंसे लोग अब कम ऑक्सीजन से भी जूझ रहे हैं जो एक बड़ी चिंता की तरह है. ध्यान हो कि बीते आठ अगस्त से अब तक बाढ़ के कारण अलग-अलग जगहों पर कई लाख लोग फंसे हुए हैं. इनमें से अभी तक 80,000 से ज्यादा लोगों को आज सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे. तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का दुरूह काम आज फिर से शुरू किया.

VIDEO: केरल में बाढ़ ने मचाई तबाही.

पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से जमीन पर गिरने से सड़क जाम हो चुकी है, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है. द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है. नौका से नहीं पहुंचने लायक जगहों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. बाढ़ की हालत का जायदा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात केरल पहुंच चुके हैं.(इनपुट भाषा से) 

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