Farmers' Protests : कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ महीने भर से ज्यादा वक्त से चल रहा किसान आंदोलन लगातार विवाद का विषय भी बना हुआ है. भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने विपक्ष पर किसान आंदोलन को हाईजैक करने के आरोप लगाए हैं. कई केंद्रीय मंत्रियों ने ऐसे बयान दिए हैं, जिनमें कहा गया है कि किसान आंदोलन में विपक्ष की मंशा छिपी हुई है और वो किसानों को कानूनों पर गुमराह कर रहे हैं. किसान संगठनों की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है.
मंगलवार को प्रमुख किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक मजबूत संदेश दिया. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि 'अगर विपक्ष इतना मजबूत होता तो किसानों को आंदोलन करने की क्या जरूरत थी?'
If the Opposition were strong, what was the need for farmers to launch the agitation?: Bharatiya Kisan Union Spokesperson Rakesh Tikait on allegations that Opposition parties are misleading farmers on the new agriculture laws pic.twitter.com/MhagYE2uYY
— ANI UP (@ANINewsUP) December 29, 2020
बता दें कि किसान संगठनों ने सितंबर में संसद में पास किए गए कानूनों को वापस लिए जाने की मांग रखी है. उनका कहना है कि ये कानून किसानों के हित में नहीं लाए गए हैं, इनके लागू हो जाने से उन्हें खेती में कॉरपोरेट कंपनियों के भरोसे होना पड़ेगा. उन्हें इन कानूनों के जरिए मंडी और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सिस्टम भी खत्म हो जाने का डर है. उनकी सरकार से कई राउंड में बात हुई है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है.
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केंद्रीय मंत्री, यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यह बात कह चुके हैं कि कृषि कानूनों पर विपक्ष किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. वहीं, सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में इन कृषि सुधारों को लागू करना चाहते थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते नहीं कर पाए.
किसानों ने अपने पूरे आंदोलन में विपक्ष से दूरी बनाए रखी है. अपनी भूख हड़ताल वाले दिन उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपना बैनर मंच से दूर रखने को कहा था. हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों ने यहां आकर किसानों से मुलाकात की है. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ राष्ट्रपति को मेमोरेंडम भी दे चुकी है.
(ANI से इनपुट के साथ)
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