ओडिशा सरकार ने भले ही साइक्लोन फानी के दौरान जान-माल को काफी हद तक सुरक्षित कर मिसाल पैदा की हो लेकिन अब ओडिशा सरकार को साइक्लोन-प्रभावित इलाकों में बिजली-सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल करने में बड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उन्हें आपकी मदद की ज़रूरत है.
लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच पीएम मोदी सोमवार को ओडिशा पहुंचे और चक्रवात फानी प्रभावित इलाकों में हुए जानमाल के नुकसान का जायजा लिया. पीएम ने ओडिशा को तात्कालिक राहत के तौर पर 1000 करोड़ रुपये
देने का ऐलान किया और नवीन पटनायक सरकार की बढ़ाई भी की.
पुरी और भुवनेश्वर के कई पिछड़े ग्रामीण इलाकों में 250 से 300 गांव अब भी कटे हुए हैं. 1.5 लाख से दो लाख पेड़ सड़कों पर पड़े हैं. बिजली सिर्फ 50% इलाक़ों में बहाल हो पाई है.
एनडीटीवी से बातचीत में NDRF के डायरेक्टर जनरल एसएन प्रधान ने कहा फानी प्रभावित इलाकों में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने में अभी कई दिन लग सकते हैं. एसएन प्रधान ने कहा, "भुवनेश्वर और पुरी में अब भी 250 से 300 गांव हैं जो जिला मुख्यालयों से पूरी तरह से कटे हुए हैं. इन गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर 1.5 लाख से दो लाख पेड़ अब भी गिरे हुए हैं जिन्हें हटाना बाकी है.''
फिलहाल सड़कों को दुरुस्त करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. ओडिशा सरकार ने कैबिनेट सचिवालय को बताया है कि बिजली व्यवस्था सभी गांवों में बहाल करने के लिए 2,500 गैंग-मेनों को लगाया गया है. स्टील मंत्रालय ने 5,500 स्टील इलेक्ट्रिक पोल ओडिशा भेजे हैं और 14 मई तक 15,000 और स्टील इलेक्ट्रिक पोल भेजे जा रहे हैं. कैबिनेट सचिव ने दिशा-निर्देश जारी किया है कि बिजली व्यवस्था फिर से बहाल करने के लिए और कर्मचारियों को लगाना जरूरी होगा.
केंद्र सरकार अब तक फोरी राहत के तौर पर 1300 करोड़ से ज़्यादा की रकम देने का ऐलान कर चुकी है. अब पुनर्वास और पुनर्निमाण की ज़रूरतों के आकलन के लिए अधिकारियों की एक अंतर मंत्रालयी टीम सभी प्रभावित इलाकों में भेजने की तैयारी है.
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साफ है कि तबाही काफ़ी बड़े पैमाने पर हुई है लिहाज़ा पुनर्वास और पुनर्निमाण में काफी वक्त लगेगा.
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