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This Article is From Apr 08, 2024

Fact Check: महिला कोटा बिल के बूते BJP का टिकट मिलने का कंगना रनौत का दावा झूठा

BOOM ने कंगना रनौत के दावे को झूठा पाया, क्योंकि महिला आरक्षण विधेयक अभी तक लागू नहीं हुआ है, और वर्ष 2029 तक ऐसा संभव होगा भी नहीं.

Fact Check: महिला कोटा बिल के बूते BJP का टिकट मिलने का कंगना रनौत का दावा झूठा
BJP ने 24 मार्च, 2024 को कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था...
नई दिल्ली:

बॉलीवुड अभिनेत्री तथा हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार कंगना रनौत ने हाल ही में एक जनसभा में दावा किया था कि BJP का टिकट उन्हें महिला आरक्षण विधेयक के चलते हासिल हुआ है. BOOM ने इस दावे को गलत पाया, क्योंकि यह बिल अभी तक लागू नहीं हुआ है.

BJP ने 24 मार्च, 2024 को कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया था. कंगना ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर लिखा था, "लोकसभा चुनाव लड़ने पर मैं आलाकमान के फैसले का पालन करती हूं..." इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि वह 'योग्य कार्यकर्ता और विश्वसनीय लोकसेवक' बनने के लिए उत्सुक हैं.

इसके बाद, हाल ही में मंडी क्षेत्र के गांव बाल्ह में एक सार्वजनिक सभा के दौरान कंगना ने महिला आरक्षण विधेयक के चलते BJP का टिकट मिलने की बात कही. उन्होंने कहा, "महिला आरक्षण विधेयक, जो महिलाओं को 30 फ़ीसदी आरक्षण देता है (लोकसभा में), ही कारण है कि आज मैं इस मंच पर मौजूद हूं... उसी (महिला आरक्षण विधेयक) के कारण मंडी की आपकी बेटी इस मंच पर मौजूद है..."

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें और आर्काइव लिंक के लिए यहां क्लिक करें.

BOOM ने इस दावे को झूठा पाया, क्योंकि महिला आरक्षण विधेयक अभी तक लागू नहीं हुआ है, और वर्ष 2029 तक ऐसा संभव होगा भी नहीं. महिला आरक्षण विधेयक को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है, और इसके तहत लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है.

गौरतलब है कि यह बिल संसद में पहली बार पेश किए जाने के 27 साल बाद 20 सितंबर, 2023 को लोकसभा में पारित किया गया था. 22 सितंबर को राज्यसभा से भी यह बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया, तथा 28 सितंबर को इस बिल को राष्ट्रपति की मंज़ूरी भी मिल गई थी.

इसके बाद यह बिल कानून बनने की सभी ज़रूरतों को पूरा कर चुका था, लेकिन इसे जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ही लागू किया जाना तय किया गया. परिसीमन के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए देशभर में सीटों की संख्या के साथ-साथ निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारित किया जाना शामिल होता है. यह प्रक्रिया 2026 के बाद जारी होने वाले जनगणना के आंकड़ों के आधार पर होगी.

इसका अर्थ यह है कि यह बिल तभी प्रभावी होगा, जब परिसीमन हो चुका होगा, जो जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद ही शुरू होगा. 20 सितंबर, 2023 को लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि परिसीमन आम चुनाव 2024 के बाद ही किया जाएगा, और महिला आरक्षण विधेयक यह 2029 तक ही लागू हो पाएगा.

यह ख़बर मूल रूप से BOOM द्वारा प्रकाशित की गई थी, और इसे शक्ति कलेक्टिव के अंतर्गत NDTV ने पुनर्प्रकाशित किया है.

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