फाइल फोटो
नई दिल्ली:
वन रैंक वन पेंशन को भले ही सरकार ने मंजूरी दे दी है, लेकिन पूर्व सैनिक सरकार के फॉर्मूले से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में अपनी मांगों को पूरी तरह से मनवाने के लिए पूर्व सैनिक शनिवार को जंतर-मंतर पर एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं। उन्होंने इसे 'सैनिक एकता रैली' का नाम दिया है।
हालांकि पूर्व सैनिकों के कुछ संगठनों ने खुद को इस रैली से अलग रखा है। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष सतबीर सिंह का कहना है कि उन्होंने सात मुद्दे उठाए हैं और अगर सरकार उन्हें मान लेती है या लिखित ठोस आश्वासन दे देती है, तो ये आंदोलन खत्म हो जाएगा। उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप को गलत बताकर उसे खारिज कर दिया है और कहा कि हर पैसे का हिसाब-किताब मौजूद है।
गौरतलब है कि 5 सितम्बर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में वन रैंक वन पेंशन लागू करने की घोषणा की थी।
पर्रिकर ने कहा था कि 15 दिन से एक महीने के भीतर ओआरओपी को लागू करने वाला आदेश जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व सैनिकों से धरना बंद करने और राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया।
इस पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिकों ने 6 सितम्बर को अपना अनशन खत्म कर दिया था, लेकिन आंदोलन जारी रखने की बात कही थी।
हालांकि पूर्व सैनिकों के कुछ संगठनों ने खुद को इस रैली से अलग रखा है। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष सतबीर सिंह का कहना है कि उन्होंने सात मुद्दे उठाए हैं और अगर सरकार उन्हें मान लेती है या लिखित ठोस आश्वासन दे देती है, तो ये आंदोलन खत्म हो जाएगा। उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप को गलत बताकर उसे खारिज कर दिया है और कहा कि हर पैसे का हिसाब-किताब मौजूद है।
गौरतलब है कि 5 सितम्बर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में वन रैंक वन पेंशन लागू करने की घोषणा की थी।
पर्रिकर ने कहा था कि 15 दिन से एक महीने के भीतर ओआरओपी को लागू करने वाला आदेश जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व सैनिकों से धरना बंद करने और राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया।
इस पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिकों ने 6 सितम्बर को अपना अनशन खत्म कर दिया था, लेकिन आंदोलन जारी रखने की बात कही थी।
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