कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर अमिट छाप छोड़ी है और यहां तक कि उनके आलोचक भी सर्व-समावेशी देशभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों के लिए हमदर्दी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को स्वीकारते हैं. वह समाजसेवी संस्था 'प्रथम' को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के मौके पर बोल रही थीं.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही समाजसेवी संस्था 'प्रथम' को शनिवार को साल 2021 के लिए 'इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार' प्रदान किया गया. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यहां एक कार्यक्रम में 'प्रथम' की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रुकमिणी बनर्जी को यह पुरस्कार प्रदान किया.
इस मौके पर सोनिया गांधी ने पुरस्कार के लिए 'प्रथम' को बधाई दी और देश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी ने हमारे देश पर अमिट छाप छोड़ी. वह अपने योगदान और उपलब्धियों के लिए निरंतर सराही जाती हैं."
सोनिया ने कहा कि इंदिरा गांधी के आलोचक भी 'सर्व-समावेशी देशभक्ति, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों के लिए हमदर्दी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को स्वीकारते हैं.'
'इंदिरा गांधी स्मारक न्यास' के मुताबिक, पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने 'प्रथम' को इस पुरस्कार के लिए चुना. न्यास ने कहा कि भारत और दुनिया भर में कमजोर तबकों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करने के प्रति समर्पित होने के लिए इस संस्था को यह पुरस्कार दिया जा रहा है.
'इंदिरा गांधी स्मारक न्यास' द्वारा 'इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार' प्रति वर्ष विश्व के किसी ऐसे व्यक्ति या संस्था को प्रदान किया जाता है, जिसने समाज सेवा, निरस्त्रीकरण या विकास के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो. इस पुरस्कार के अंतर्गत 25 लाख रुपये नकद और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है.
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