भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि भले ही पड़ोसी देश पाकिस्तान आपत्ति करता हो लेकिन यह ज्ञात तथ्य है कि विभाजन से पहले सिंध और अन्य स्थान ‘अखंड भारत' या अविभाजित भारत का हिस्सा थे. उनका यह बयान उनकी उस टिप्पणी के तीन दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अयोध्या में नए राम मंदिर का निर्माण ‘अखंड भारत' की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है.
यादव ने संवाददाताओं से कहा, “भले ही पाकिस्तान लाख बार अपनी आपत्ति दर्ज कराए, लेकिन सभी जानते हैं कि जो विस्थापित लोग सिंध से शरणार्थी बनकर यहां पहुंचे...उससे पहले यह अखंड भारत ही था.” उन्होंने कहा, “ननकाना साहिब और अन्य स्थान अतीत में हमारे अखंड भारत का हिस्सा थे. पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा हमारे राष्ट्रगान में शामिल हैं. हम सिंध को इससे कैसे बाहर कर सकते हैं.”
पहले भारत का हिस्सा रहा सिंध क्षेत्र विभाजन के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बन गया. सिखों के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है. यहां एक कार्यक्रम से इतर जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि पाकिस्तान द्वारा उनकी अखंड भारत टिप्पणी पर आपत्ति जताई जा रही है तो उन्होंने यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, “अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद सांस्कृतिक अखंड भारत का हमारा सपना हजारों वर्षों के सपने का साकार होना है. इसलिए किसी के भी इस पर आपत्ति करने से यह (अखंड भारत) लुप्त नहीं हो जाएगा. यह हमेशा रहेगा.” शनिवार को मुख्यमंत्री यादव ने कहा था कि भगवान ने चाहा तो अखंड भारत का विस्तार अफगानिस्तान तक होगा. उन्होंने कहा, “यह भगवान की इच्छा है कि भगवान राम के मंदिर का निर्माण निश्चित रूप से 'अखंड भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम होना चाहिए”.
उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा इस स्थान पर बनाया गया भगवान राम का पहला मंदिर “दुश्मनों की आंखों में कांटा” था, और जब भारत बुरे दौर से गुजर रहा था, तो “अत्याचारियों ने इसे नष्ट कर दिया”.
मुख्यमंत्री ने कहा था, इसी तरह, भारत ने सिंध खो दिया, पंजाब विभाजित हो गया और 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान का गठन हुआ. यादव ने कहा था, “ईश्वर ने चाहा तो अखंड भारत फिर बनेगा, आज नहीं तो कल; न केवल सिंध या पंजाब तक, बल्कि अफगानिस्तान तक भी. हम सभी की इच्छा है कि हम ननकाना साहिब के दर्शन कर सकें.”
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