नई दिल्ली:
हिन्दी के प्रचार-प्रसार की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन समाचार और समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसारण के मामले में इस विषय पर सरकार की गंभीरता का अंदाजा आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले समाचारों की अवधि से लगाया जा सकता है।
आकाशवाणी पर एक ओर जहां अंग्रेजी भाषा के समाचारों के लिए रोजाना तीन घंटे 52 मिनट का समय दिया जाता है, वहीं हिन्दी समाचारों के प्रसारण के लिए मात्र ढाई घंटे का समय दिया जाता है।
देश के दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रखने वाले इस रेडियो चैनल पर अंग्रेजी के प्रभुत्व का एक और उदाहरण यह भी है कि शाम में मुख्य अंग्रेजी समाचार के तुरंत बाद सामयिक मुद्दों का कार्यक्रम 'स्पॉटलाइट' प्रसारित किया जाता है। लेकिन इस मामले में भी हिन्दी को नजरअंदाज किया जाता है और अंग्रेजी समाचार की तरह 'सामयिकी' नाम के कार्यक्रम को शाम के मुख्य हिन्दी समाचार के तुरंत बाद प्रसारित नहीं किया जाता।
सुभाष अग्रवाल की ओर से सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में आकाशवाणी के समाचार सेवा विभाग ने यह जानकारी दी है। आकाशवाणी ने इस संदर्भ में सुभाष अग्रवाल की ओर से पेश किए गए सुझावों पर भी गौर किए जाने का आश्वासन दिया है, जिसमें हिन्दी समाचारों के प्रसारण समय में बदलाव संबंधी सुझाव भी शामिल है।
सुभाष ने यह सुझाव भी दिया है कि शाम के हिन्दी के मुख्य समाचारों के प्रसारण के समय को आठ बजे से किया जाए, जो वर्तमान में शाम आठ बजकर 45 मिनट है।
आकाशवाणी पर एक ओर जहां अंग्रेजी भाषा के समाचारों के लिए रोजाना तीन घंटे 52 मिनट का समय दिया जाता है, वहीं हिन्दी समाचारों के प्रसारण के लिए मात्र ढाई घंटे का समय दिया जाता है।
देश के दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रखने वाले इस रेडियो चैनल पर अंग्रेजी के प्रभुत्व का एक और उदाहरण यह भी है कि शाम में मुख्य अंग्रेजी समाचार के तुरंत बाद सामयिक मुद्दों का कार्यक्रम 'स्पॉटलाइट' प्रसारित किया जाता है। लेकिन इस मामले में भी हिन्दी को नजरअंदाज किया जाता है और अंग्रेजी समाचार की तरह 'सामयिकी' नाम के कार्यक्रम को शाम के मुख्य हिन्दी समाचार के तुरंत बाद प्रसारित नहीं किया जाता।
सुभाष अग्रवाल की ओर से सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में आकाशवाणी के समाचार सेवा विभाग ने यह जानकारी दी है। आकाशवाणी ने इस संदर्भ में सुभाष अग्रवाल की ओर से पेश किए गए सुझावों पर भी गौर किए जाने का आश्वासन दिया है, जिसमें हिन्दी समाचारों के प्रसारण समय में बदलाव संबंधी सुझाव भी शामिल है।
सुभाष ने यह सुझाव भी दिया है कि शाम के हिन्दी के मुख्य समाचारों के प्रसारण के समय को आठ बजे से किया जाए, जो वर्तमान में शाम आठ बजकर 45 मिनट है।
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