कोच्चि: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता थॉमस इसाक ने मंगलवार को कहा कि वह फेमा मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे. उन्होंने उन्हें जारी किए गए समन को “विशुद्ध उत्पीड़न” बताया. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामला पिछली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ‘केआईआईएफबी' के वित्तीय लेनदेन में कथित उल्लंघन की जांच से जुड़ा है.
इसाक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ईडी से पिछले सप्ताह जारी किए गए समन को वापस लेने के लिए कहा था. ईडी ने 71 वर्षीय नेता को 22 जनवरी को कोच्चि स्थित एजेंसी कार्यालय में पेश होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन वह उसके सामने पेश नहीं हुए.
पहले उन्हें 12 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन वह तब भी पेश नहीं हुए थे. इसाक ने आज कहा कि अगर ईडी बता सके कि किस कानून का उल्लंघन किया गया है तो वह एजेंसी के सामने पेश होने और स्पष्टीकरण देने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, “लेकिन, मैं उनके सामने पेश नहीं होने जा रहा हूं ताकि वे मुझसे पूछताछ कर सकें और पता लगा सकें कि क्या किसी कानून का उल्लंघन हुआ है. यह आत्म-दोषारोपण के बराबर है और मैं ऐसा नहीं करूंगा.”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआईआईएफबी) ने पहले ही सभी खाते और रिकॉर्ड ईडी को सौंप दिए हैं. राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, इसलिए, इसके अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को कोई हिसाब-किताब या स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है.
इसाक ने कहा कि यहां तक कि केरल उच्च न्यायालय ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना किसी ठोस दस्तावेज के कदम नहीं उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “इसलिए, यह समन विशुद्ध उत्पीड़न है. अपनी गरिमा को बचाने के लिये अगर जरूरत पड़ी तो मैं अदालत जाऊंगा.”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें डर है कि अगर वह एजेंसी के सामने पेश हुए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, इसाक ने कहा कि यह फेमा के तहत मामला है, न कि धन शोधन का. उन्होंने दावा किया कि वे फेमा के तहत किसी मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकते और ईडी सपने में भी यह दावा नहीं कर सकता कि यह धन शोधन का मामला था.
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