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ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, 43 प्रॉपर्टी अटैच, जानें लैंड स्कैम केस में कैसे घिरे?

ईडी ने इस लैंड स्कैम में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों की 43 प्रॉपर्टीज़ को अटैच किया है. इन प्रॉपर्टीज़ की कुल कीमत करीब 37.64 करोड़ रुपये बताई जाती है. 

ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, 43 प्रॉपर्टी अटैच, जानें लैंड स्कैम केस में कैसे घिरे?
  • ईडी ने गुरुग्राम लैंड स्कैम मामले में रॉबर्ट वाड्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
  • इस मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों की करीब 37.64 करोड़ की 43 प्रॉपर्टीज़ को अटैच कर लिया है.
  • 2008 में वाड्रा की कंपनी ने 3.53 एकड़ जमीन करीब 7.5 करोड़ में खरीदी थी. कमर्शियल लाइसेंस लेकर जमीन 58 करोड़ में बेच दी.
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गुरुग्राम लैंड स्कैम मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में वाड्रा समेत 11 आरोपियों के नाम हैं. यह मामला साल 2008 में खरीदी गई जमीन से जुड़ा है. ईडी ने इस मामले में वाड्रा और उनकी कंपनियों की 43 प्रॉपर्टी अटैच करने की हैं.

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ड वाड्रा और 10 अन्य लोगों व कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. हालांकि कोर्ट ने अभी इस चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है, लेकिन ईडी की इस बड़ी कार्रवाई के बाद वाड्रा और उनके करीबियों की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं.

क्या है शिकोहपुर लैंड स्कैम केस?

साल 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitality Pvt Ltd ने गुरुग्राम के सेक्टर 83 स्थित शिकोहपुर गांव में लगभग 3.53 एकड़ जमीन खरीदी थी. यह जमीन करीब 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी. आरोप है कि ये जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी देकर खरीदी गई थी. 

'रसूख का इस्तेमाल करके लाइसेंस लिया'

जिस समय ये सौदा हुआ. हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. इसके बाद इस जमीन पर कमर्शियल कॉलोनी डेवलप करने का लाइसेंस मिला, लेकिन कंपनी ने इसे डेवलप नहीं किया. आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए इस जमीन पर कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया.

इसके बाद सितंबर 2012 में यह जमीन लगभग 58 करोड़ में रियल एस्टेट कंपनी DLF को बेच दी गई. आरोप है कि कम दाम में जमीन खरीदकर अत्यधिक मुनाफ़ा कमाया गया और मनी‑लॉन्ड्रिंग की गई.

वाड्रा से कई बार हो चुकी है पूछताछ

शिकायतकर्ता सुरेन्द्र शर्मा ने खेड़की दौला थाने में सितंबर 2018 में धोखाधड़ी और दस्तावेज़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए आईपीसी की धारा 420, 467 के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. साल 2025 के अप्रैल महीने में वाड्रा को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है.

वाड्रा और कंपनियों की 43 प्रॉपर्टी अटैच

इस केस में रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और उससे जुड़े सत्यनंद याजी व केवल सिंह विरक समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. ईडी ने बताया है कि रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों की 43 प्रॉपर्टीज़ को अटैच की जा चुकी हैं. इन प्रॉपर्टीज़ की कुल कीमत करीब 37.64 करोड़ रुपये बताई जाती है. 

रॉबर्ट वाड्रा का क्या कहना है?

ईडी की पूछताछ पर रॉबर्ट वाड्रा ने ‘राजनीतिक प्रतिशोध' और ‘एजेंसियों के दुरुपयोग' का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मामले में उन्होंने 2019 में भी सभी दस्तावेज़ जमा कराए थे. वह हेड-टू-हेड सवाल-जवाब का सामना कर रहे हैं.

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