नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसिप्ट (जीडीआर) में कथित घोटाले से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत लंदन में भारतीय मूल के एक व्यक्ति तथा कुछ अन्य निकायों की 59 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. जीडीआर, डिपॉजिटरी बैंक द्वारा जारी एक वित्तीय साधन है. इससे किसी कंपनी को विदेशों में पूंजी बाजार में निवेशक तक पहुंचने की अनुमति मिलती है.
ईडी ने एक बयान में कहा कि जिन संपत्ति को कुर्क किया गया है, वे लंदन में रहने वाले अरूण पंचारिया, संजय अग्रवाल और इंडिया फोकस कार्डनिल फंड की हैं. उसने कहा कि ये संपत्ति 59.37 करोड़ रुपये की हैं जिन्हें हैदराबाद के फार्मैक्स इंडिया लिमिटेड से जुड़ी एक जांच के तहत जब्त किया गया है.
निदेशालय ने आरोप लगाया, ‘भारतीय निवेशकों को ठगने' के लिए पंचारिया एवं उससे जुड़े निकायों जैसे पैन एशिया एडवाइजर्स लिमिटेड ( अब उसे ग्लोबल फाइनेंस और कैपिटल लिमिटेड के नाम से जाना जाता है), इंडिया फोकस कार्डिनल फंड, विंटेज एफजेडई ने अग्रवाल, जलज बत्रा और अन्य के संग मिलकर ‘फर्जी' जीडीआर योजना बनायी एवं उसे अमल में लाया तथा उसमें उसे फार्मैक्स इंडिया लिमिटेड के प्रवर्तकों/ निदेशकों मोर्थला श्रीनिवास रेड्डी और मोर्थला मल्ला रेड्डी ने साथ दिया.''
नियमों के अनुसार जब किसी भारतीय कंपनी का जीडीआर विदेश में जारी किया जाता है तो उससे हुई आमदनी भारत में भेजने की जरूरत होती है बशर्ते उसे भावी विदेशी मुद्रा जरूरतों के लिए विदेश में जमा नहीं करना हो.
ईडी ने कहा कि लेकिन फार्मैक्स इंडिया लिमिटेड के मामले में 318 करोड़ रुपये की जीडीआर कमाई भारत नहीं भेजी गयी जबकि उन्हें विदेशी मुद्रा की जरूरत भी नहीं थी.
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