
- ED ने अमरूद के बाग मुआवजा घोटाले में विकास भंडारी और अन्य की करीब नौ करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है
- मोहाली के एयरोसिटी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण में फर्जी पेड़ दिखाकर अधिक मुआवजा लेने का आरोप है
- जांच में पाया गया कि असली पेड़ मौजूद नहीं थे और रिकॉर्ड में पेड़ों की संख्या तथा उम्र बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई थी
जालंधर ज़ोनल ऑफिस की प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अमरूद के बाग मुआवजा घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने विकास भंडारी, भूपिंदर सिंह, रितिका भंडारी, करम सिंह और गुरदीप सिंह की करीब 9.87 करोड़ रुपये की संपत्ति और शेयर अस्थायी तौर पर अटैच कर दिए हैं.
यह मामला मोहाली के एयरोसिटी प्रोजेक्ट (Aerotropolis Residential Project) के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है. आरोप है कि कुछ लोगों ने सरकारी अफसरों की मिलीभगत से जमीन पर गुवा के पेड़ दिखाकर फर्जी मुआवजा लिया.
जांच में सामने आया कि असल में पेड़ वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन रिकॉर्ड में ज्यादा पेड़, उनकी उम्र और घनत्व बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए ताकि ज्यादा मुआवजा मिल सके. इसके लिए राजस्व और बागवानी विभाग के अधिकारियों की मदद से फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई गई.
ED की जांच में यह भी पाया गया कि गलत तरीके से मिले मुआवजे की रकम विकास भंडारी ने अपनी पत्नी रितिका भंडारी और अन्य सहयोगियों भूपिंदर सिंह, करम सिंह और गुरदीप सिंह को ट्रांसफर कर दी.
इसी कड़ी में ED ने इनकी संपत्ति जब्त की है. एजेंसी का कहना है कि जांच अभी जारी है और आगे और खुलासे हो सकते हैं.
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