विज्ञापन
This Article is From Dec 09, 2023

पूर्व में गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है : भारत

कंबोज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धत करते हुए कहा कि जब खतरे वैश्विक हों तो जबावी प्रतिक्रिया सिर्फ स्थानीय नहीं हो सकती और इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा.

पूर्व में गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है : भारत
कंबोज ने सवाल किया कि क्या 1945 की ‘‘सुरक्षा व्यवस्था’’ 2023 में भी कारगर है?
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कंबोज ने कहा कि UN सुरक्षा परिषद आज के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक नहीं
उन्‍होंने सवाल किया कि क्या 1945 की 'सुरक्षा व्यवस्था' 2023 में भी कारगर?
उन्‍होंने कहा कि खतरों से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की स्थाई राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा है कि पूर्व में गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) आज के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक नहीं है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई राजदूत ने साथ ही यह भी प्रश्न किया कि क्या 1945 की ‘‘सुरक्षा व्यवस्था'' 2023 में भी कारगर है. कंबोज ने सुरक्षा परिषद में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे: अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, बढ़ती चुनौतियां और नए खतरे' विषय पर बृहस्पतिवार को आयोजित चर्चा में यह बात कही. 

उन्होंने प्रश्न किया, ‘‘अगर शांति सुनिश्चित करना ट्रिलियन डॉलर का प्रश्न है तो क्या हमारे पास आज के वक्त के हिसाब से और समसामयिक हकीकत को प्रदर्शित करने वाला शांति संबंधी बुनियादी ढांचा है.''

कंबोज ने कहा, ‘‘क्या 1945 की ‘‘सुरक्षा व्यवस्था'' 2023 में भी कारगर है? पूर्व में गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज के परिप्रेक्ष्य में अप्रासंगिक ही है.''

दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत सुरक्षा परिषद में सुधार का वर्षों से प्रयास कर रहा है और उसका कहना है कि वह सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने का हकदार है. संयुक्त राष्ट्र की यह शीर्ष संस्था अपने वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक हकीकत को नहीं दिखाती.

कंबोज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धत करते हुए कहा कि जब खतरे वैश्विक हों तो जबावी प्रतिक्रिया सिर्फ स्थानीय नहीं हो सकती और इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा.

कंबोज ने दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारों के बीच खुफिया जानकारी एकत्र करने और साझा करने और निवारक उपायों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. 

ये भी पढ़ें :

* Video: उत्तर कोरिया की महिलाओं से अधिक बच्चे पैदा करने का अनुरोध करते हुए किम जोंग उन के आंसू छलके
* हमास नहीं चाहता था दुनिया को पता चले महिला बंधकों से रेप की बात... US ने बताया क्यों टूट गई सीजफायर डील
* "अनुचित और आदतन" : भारत ने UNSC में पाकिस्तान के कश्मीर संबंधी संदर्भ को किया खारिज

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: