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This Article is From Jul 20, 2019

शीला दीक्षित को अपने अंदाज में दी कुमार विश्वास ने श्रद्धांजलि, लिखा- राजनीति का स्वर्णिम पाठ पढ़ाने के लिए धन्यवाद

कुमार विश्वास ने भी शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि आप जैसी बेहद सौम्य और सुलझे विचारों की प्रगतिशील नेता का जाना न केवल कांग्रेस या दिल्ली बल्कि पूरे देश की बड़ी क्षति है.

शीला दीक्षित को अपने अंदाज में दी कुमार विश्वास ने श्रद्धांजलि, लिखा- राजनीति का स्वर्णिम पाठ पढ़ाने के लिए धन्यवाद
कुमार विश्वास ने शीला दीक्षित के निधन पर जताया दुख
नई दिल्ली:

दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आकास्मिक निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत देश के तमाम दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसी कड़ी में कुमार विश्वास ने भी शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि आप जैसी बेहद सौम्य और सुलझे विचारों की प्रगतिशील नेता का जाना न केवल कांग्रेस या दिल्ली बल्कि पूरे देश की बड़ी क्षति है. ईश्वर आप को अपनी शांति-छाया में यथेष्ट स्थान प्रदान करे, यही प्रार्थना है. 

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इस दौरान कुमार विश्वास ने शीला दीक्षित को याद करते हुए ट्विटर पर लिखा कि दिल्ली-लखनऊ उड़ान में राजनीति का 'स्वर्णिम पाठ' पढ़ाने के आपका आभार. इस ट्वीट में कुमार ने शीला दीक्षित के उस ट्वीट का भी जिक्र किया है, जब पूर्व सीएम ने डॉक्टर कुमार विश्वास की तारीफ करते हुए लिखा था कि तुम तो सबको लाजवाब कर देते हो. दरअसल यह उस वक्त का ट्वीट है जब लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में आप और कांग्रेस के गठबंधन की सुगबुगाहट चल रही थी, अरविंद केजरीवाल लगातार आरोप लगा रहे थे कि कांग्रेस गठबंधन करने में आनाकानी कर रही है. इस समय अरविंद केजरीवाल और शीला दीक्षित के बीच ट्विटर के जरिए जुबानी जंग भी चल रही थी. इसी लड़ाई में कुमार विश्वास ने छलांग लगाई थी कि और अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की जमकर चुटकी ली थी.

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शीला दीक्षि‍त का अंतिम संस्‍कार रविवार को 2:30 बजे दिल्‍ली के निगम बोध घाट में होगा. आज शाम 6 बजे से उनके पार्थिव शरीर को निजामुद्दीन स्थिति घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. अंतिम संस्‍कार से पहले शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए कल सुबह कांग्रेस मुख्यालय में भी रखा जाएगा. बता दें इसी साल जनवरी में उन्हें दिल्ली में कांग्रेस की कमान सौंपकर अध्यक्ष बनाया गया था. इस बार उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव भी लड़ा था लेकिन वे चुनाव हार गईं थी.  1998 से 2013 तक मुख्यमंत्री  के रूप में 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी के उफान में शीला दीक्षित की सरकार बह गई. हालांकि, माना जाता है कि शीला दीक्षित की हार में एंटी इनकंबेंसी भी हावी रहा. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.

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