विज्ञापन

शिक्षा मंत्रालय व प्रधान के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे दर्जनों छात्र हिरासत में लिए गए

शिक्षा मंत्रालय और प्रधान के आवास के बाहर एकत्रित हुए छात्रों ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर प्रतिबंध लगाने और कथित पेपर लीक की जांच की मांग की.

शिक्षा मंत्रालय व प्रधान के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे दर्जनों छात्र हिरासत में लिए गए
नई दिल्ली:

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने और नीट में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विभिन्न विश्वविद्यालयों के दो दर्जन से अधिक विद्यार्थियों एवं विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्यों को बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया. छात्रों को शिक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के यहां स्थित आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया.

इस विरोध प्रदर्शन में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ), क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) और कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई जैसे राजनीतिक संगठनों के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया.

शिक्षा मंत्रालय और प्रधान के आवास के बाहर एकत्रित हुए छात्रों ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर प्रतिबंध लगाने और कथित पेपर लीक की जांच की मांग की.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की शुचिता से समझौता होने की सूचना मिलने के बाद बुधवार देर रात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को रद्द करने का आदेश दिया.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की आईसा इकाई ने एक बयान में कहा, “चार जून को घोषित नीट-यूजी के नतीजों में भारी विसंगतियां देखने को मिली हैं. नीट के अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.”

बयान के मुताबिक, “अब पेपर लीक के कारण यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द कर दी गयी है... एनटीए ने बार-बार छात्रों को फेल किया है. हम एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने की मांग करते हैं.”

संगठनों ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों के साथ पुलिस ने बदसलूकी की और उन पर हमला किया. एसएफआई ने कहा, 'छात्राओं के साथ भी बदसलूकी की गई और उनके साथ क्रूरता से पेश आया गया.'

डीएसएफ ने कहा, 'छात्रों की चिंताओं को दूर करने और एनटीए को जवाबदेह ठहराने के बजाय, दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन स्थल से जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों सहित कई छात्रों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया और उन्हें हिरासत में लिया.'

पुलिस ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, क्योंकि वहां धारा 144 लागू है. छात्र संगठनों ने परीक्षा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की भी मांग की.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
हैदराबाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने NALSAR दीक्षांत समारोह को किया संबोधित
शिक्षा मंत्रालय व प्रधान के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे दर्जनों छात्र हिरासत में लिए गए
पूर्व विधायक अरिफ अनवर हाशमी की 8.24 करोड़ रुपये की संपत्ति ED ने की जब्त
Next Article
पूर्व विधायक अरिफ अनवर हाशमी की 8.24 करोड़ रुपये की संपत्ति ED ने की जब्त
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com