नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने शनिवार को कहा कि यदि आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दो तीन साल में द्विअंकीय आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकती है।
उन्होंने जीएसटी लागू होने के बारे में भी उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में होने वाले इस व्यापक सुधार को लेकर मोटे तौर पर दोनों संबंधित पक्ष सहमत हैं।
ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत के लिए आर्थिक विस्तार की गुंजाइश तब तक बेहतर बनी हुई है, जब तक कि हमारी सुधार प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हमारे सामने ऐसी उम्मीद रखने की बेहतर वजह है, जैसा कि मैं कहता रहा हूं, अगले दो-तीन साल में हम आर्थिक वृद्धि के मामले में दहाई अंक को छूने लगेंगे।'
पनगढ़िया ने कहा कि आज भी जब विश्व बाजार में वृद्धि नहीं है अथवा बहुत धीमी वृद्धि हो रही है, ऐसी स्थिति में भारत एक बड़ा बाजार बना हुआ है। उन्होंने कहा, 'यदि हम सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ते रहते हैं और सही कदम उठाते हैं तो मेरा मानना है कि हमें बड़ा हिस्सा मिल सकता है। हमारा मौजूदा हिस्सा 18,000 अरब डॉलर में 1.75 प्रतिशत और 5,000 अरब डॉलर के सेवा निर्यात में करीब तीन प्रतिशत है।'
सुधारों के मामले में पनगढ़िया का मानना है कि जीएसटी पारित हो जाएगा। 'यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों तरफ से सहमति है। सुधार की यह प्रक्रिया पिछली यूपीए सरकार के समय शुरू हुई। कांग्रेस पार्टी सुधारों की पक्षधर रही है। अब कुछ असहमति दिख रही है।' उन्होंने श्रम सुधारों के बारे में कहा कि कुछ राज्यों ने इन्हें आगे बढ़ाया है। राजस्थान इस मामले में सबसे आगे है। तमिलनाडू में भूमि सुधारों पर कदम आगे बढ़े हैं।
बाह्य क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, 'वैश्विक निर्यात में 2.5 प्रतिशत वृद्धि होने के बावजूद भारत का निर्यात 15 प्रतिशत क्यों घटा है, इसकी मुख्य वजह यह है कि भारतीय मुद्रा वास्तव में कई अन्य देशों की मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुई है।' चीन की अर्थव्यवस्था ने भी अतिरिक्त क्षमता के तौर पर इसमें अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने जीएसटी लागू होने के बारे में भी उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में होने वाले इस व्यापक सुधार को लेकर मोटे तौर पर दोनों संबंधित पक्ष सहमत हैं।
ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत के लिए आर्थिक विस्तार की गुंजाइश तब तक बेहतर बनी हुई है, जब तक कि हमारी सुधार प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हमारे सामने ऐसी उम्मीद रखने की बेहतर वजह है, जैसा कि मैं कहता रहा हूं, अगले दो-तीन साल में हम आर्थिक वृद्धि के मामले में दहाई अंक को छूने लगेंगे।'
पनगढ़िया ने कहा कि आज भी जब विश्व बाजार में वृद्धि नहीं है अथवा बहुत धीमी वृद्धि हो रही है, ऐसी स्थिति में भारत एक बड़ा बाजार बना हुआ है। उन्होंने कहा, 'यदि हम सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ते रहते हैं और सही कदम उठाते हैं तो मेरा मानना है कि हमें बड़ा हिस्सा मिल सकता है। हमारा मौजूदा हिस्सा 18,000 अरब डॉलर में 1.75 प्रतिशत और 5,000 अरब डॉलर के सेवा निर्यात में करीब तीन प्रतिशत है।'
सुधारों के मामले में पनगढ़िया का मानना है कि जीएसटी पारित हो जाएगा। 'यह ऐसा मुद्दा है जिस पर दोनों तरफ से सहमति है। सुधार की यह प्रक्रिया पिछली यूपीए सरकार के समय शुरू हुई। कांग्रेस पार्टी सुधारों की पक्षधर रही है। अब कुछ असहमति दिख रही है।' उन्होंने श्रम सुधारों के बारे में कहा कि कुछ राज्यों ने इन्हें आगे बढ़ाया है। राजस्थान इस मामले में सबसे आगे है। तमिलनाडू में भूमि सुधारों पर कदम आगे बढ़े हैं।
बाह्य क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, 'वैश्विक निर्यात में 2.5 प्रतिशत वृद्धि होने के बावजूद भारत का निर्यात 15 प्रतिशत क्यों घटा है, इसकी मुख्य वजह यह है कि भारतीय मुद्रा वास्तव में कई अन्य देशों की मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुई है।' चीन की अर्थव्यवस्था ने भी अतिरिक्त क्षमता के तौर पर इसमें अहम भूमिका निभाई है।
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