सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि डोकलाम के बाद के घटनाक्रम में सेना को कोई 'गंभीर समस्या' नजर नहीं आ रही, क्योंकि भारत एवं चीन नियमित बातचीत कर रहे हैं और 'सौहार्द' लौट आया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सुरक्षा बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
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जनरल रावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएलए के सैनिक उत्तरी डोलाम (डोकलाम) इलाके में उतनी बड़ी तादाद में नहीं हैं, जितनी संख्या में वह (भारत-चीन) गतिरोध के वक्त थे, उन्होंने कहा, 'उन्होंने आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुछ काम किए हैं, जो कि ज्यादातर अस्थायी प्रकृति के हैं. लेकिन उनके सैनिक लौट गए हैं और आधारभूत संरचना कायम है, तो कोई अंदाजा ही लगा सकता है कि वे वहां वापस आएंगे या ठंड के कारण वे अपने उपकरण वापस नहीं ले जा सके.'
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जनरल रावत बहुपक्षीय 'रायसीना डायलॉग' के आयोजकों में शामिल ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की ओर से कराए गए 'फेसबुक लाइव' पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. रावत ने कहा, 'लेकिन हम भी वहां हैं. अगर वे आते हैं तो हम उनका सामना करेंगे.' विवादित क्षेत्र में चीन की ओर से कुछ आधारभूत संरचना विकास के काम करने की खबरों के बीच जनरल रावत ने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का तंत्र काफी अच्छे तरीके से काम कर रहा है.
VIDEO : सेना प्रमुख ने कहा, चीन को संभाल सकता है भारत
उन्होंने कहा, 'डोकलाम की घटना के बाद...हमने सीमा पर तैनात अपने जवानों की बैठक शुरू कर दी है. हम नियमित तौर पर मिल रहे हैं, बातचीत हो रही है, जमीनी स्तर पर कमांडरों के बीच संवाद जारी है और डोलाम (की घटना) से पहले रहा सौहार्द लौट आया है.'
सेना प्रमुख ने कहा, 'हमें कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन इसके लिए तैयार रहना चाहिए.' पिछले साल डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा तक गतिरोध रहा था. अरुणाचल प्रदेश के ट्यूटिंग में भी चीनी लोगों की ओर से सड़क निर्माण की एक घटना सामने आई थी, लेकिन इसे पिछले हफ्ते सुलझा लिया गया था.
(इनपुट : भाषा)
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जनरल रावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि पीएलए के सैनिक उत्तरी डोलाम (डोकलाम) इलाके में उतनी बड़ी तादाद में नहीं हैं, जितनी संख्या में वह (भारत-चीन) गतिरोध के वक्त थे, उन्होंने कहा, 'उन्होंने आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुछ काम किए हैं, जो कि ज्यादातर अस्थायी प्रकृति के हैं. लेकिन उनके सैनिक लौट गए हैं और आधारभूत संरचना कायम है, तो कोई अंदाजा ही लगा सकता है कि वे वहां वापस आएंगे या ठंड के कारण वे अपने उपकरण वापस नहीं ले जा सके.'
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जनरल रावत बहुपक्षीय 'रायसीना डायलॉग' के आयोजकों में शामिल ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की ओर से कराए गए 'फेसबुक लाइव' पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. रावत ने कहा, 'लेकिन हम भी वहां हैं. अगर वे आते हैं तो हम उनका सामना करेंगे.' विवादित क्षेत्र में चीन की ओर से कुछ आधारभूत संरचना विकास के काम करने की खबरों के बीच जनरल रावत ने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का तंत्र काफी अच्छे तरीके से काम कर रहा है.
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उन्होंने कहा, 'डोकलाम की घटना के बाद...हमने सीमा पर तैनात अपने जवानों की बैठक शुरू कर दी है. हम नियमित तौर पर मिल रहे हैं, बातचीत हो रही है, जमीनी स्तर पर कमांडरों के बीच संवाद जारी है और डोलाम (की घटना) से पहले रहा सौहार्द लौट आया है.'
सेना प्रमुख ने कहा, 'हमें कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आ रही, लेकिन इसके लिए तैयार रहना चाहिए.' पिछले साल डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा तक गतिरोध रहा था. अरुणाचल प्रदेश के ट्यूटिंग में भी चीनी लोगों की ओर से सड़क निर्माण की एक घटना सामने आई थी, लेकिन इसे पिछले हफ्ते सुलझा लिया गया था.
(इनपुट : भाषा)
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