धर्मशाला (शिमला):
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को करमापा उग्येन त्रिनले दोर्जे के अस्थायी निवास ग्यूतो मठ की भूमि अधिग्रहीत कर ली। सरकार ने मठ से बड़ी मात्रा में विदेशी धन बरादम किए जाने के मामले की जांच के सिलसिले में यह अधिग्रहण किया है। तहसीलदार नरेश शर्मा की अगुवाई में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में जरूरी औपचारिकताएं पूरी कीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह नियमित राजस्व प्रक्रिया है और भूमि के कब्जे के संबंध में मौजूदा स्थिति बरकरार रहेगी। उन्होंने बताया कि दलाईलामा प्रशासन के कब्जे में बेनामी जमीन के दाखिलखारिज की प्रक्रिया 2006 से ही शुरू थी। ग्यूतो मठ परिसर सहित 73 ऐसे भूखंड सरकार के नाम हस्तांतरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर सहमत थी कि बेनामी संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के नाम हो और तिब्बती प्रशासन को लीज पर दी जाए। मठ की भूमि की कीमत दो करोड़ रुपए होने का अनुमान है और 2002 में इसका पंजीयन दो लोगों दिली राम पुत्र गंगा राम और प्रेम सिंह पुत्र तशी नोरबू के नाम कराया गया था।