अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों द्वारा वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ मामले को वापस नहीं लिए जाने की बात कहे जाने की अनदेखी करते हुए भारत ने आज कहा कि वह भारत में अमेरिकी राजनयिकों द्वारा कूटनीतिक विशेषाधिकारों का किसी भी तरह दुरुपयोग किए जाने का 'गंभीरता' से पता लगाना जारी रखेगा।
अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से न्यूयॉर्क से आई खबरों को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता ने कहा कि विविधतापूर्ण लोकतंत्र में अनेक स्वर हैं लेकिन सरकार विशेष माध्यम से जवाब देगी। इस मामले में विशेष माध्यम अमेरिकी विदेश मंत्रालय है।
न्यूयॉर्क में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि वीजा धोखाधड़ी के मामले में वे खोबरागड़े के अभ्यारोपण पर आगे बढ़ने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि समूची गिरफ्तारी की घटना की जांच की प्रक्रिया चल रही है और भारत अधिकृत जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विदेश मंत्रालय दोनों ने इसपर खेद प्रकट किया था।
अमेरिकी मिशन में और अमेरिकी राजनयिकों के यहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों के बारे में अमेरिकी दूतावास द्वारा विवरण देने में विलंब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार दूतावास से विवरण मिलने की अब भी प्रतीक्षा कर रही है। दूतावास ने छुट्टियों के मौसम के कारण कुछ और वक्त मांगा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हम कई सूचनाओं और विभिन्न तरह की सोच पर विचार कर रहे हैं और इस बात को लेकर कोई भ्रम में नहीं रहे। हम इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और उसका पीछा कर रहे हैं।'
अपनी नौकरानी को कम वेतन का भुगतान करने के आरोप में 12 दिसंबर को 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी 39 वर्षीय देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी किए जाने के बाद भारत ने अमेरिकी दूतावास से इन दस्तावेजों को सौंपने को कहा था।
इस बीच, मंत्रालय उन सुरागों की भी जांच कर रहा है जो उसे खोबरागड़े की फरार नौकरानी संगीता रिचर्ड के परिवार को यहां से न्यूयार्क ले जाने के लिए खरीदे गए हवाई टिकट में कर छूट दिलाने के लिए कूटनीतिक छूट का दुरपयोग करने के बारे में मिले हैं।
ऐसा समझा जाता है कि सरकार उस अमेरिकी राजनयिक की पहचान जानती है जिसने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल संगीता के परिवार को कर छूट दिलाने में किया। अब इस बात की जांच की जा रही है कि किसने वह टिकट खरीदा जिसे अमेरिकी दूतावास के आधिकारिक ट्रैवेल एजेंट ने जारी किया था।
उनसे यह सवाल किया गया कि क्या संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सूचित किया है कि भारतीय राजनयिक को गिरफ्तारी के वक्त पूर्ण छूट हासिल थी क्योंकि उन्हें संयुक्त राष्ट्र का 'सलाहकार' होने की मान्यता प्राप्त थी। इस पर प्रवक्ता ने कहा, 'मुझे इस बात पर बेहद हैरत होगी कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन समय समय पर मेजबान सरकार को इस बारे में सूचित नहीं करती है कि उन्होंने किसे मान्यता दी है।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं