वीजा फर्जीवाड़ा मामले में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को न्यूयॉर्क की अदालत में पेशी से छूट मिलने के साथ ही भारत और अमेरिका इस अधिकारी को लेकर उत्पन्न गतिरोध दूर करने की ओर बढ़ते हुए जान पड़ रहे हैं।
उधर, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उनके तबादले को मान्यता मिल गई है। न्यूयॉर्क में 12 दिसंबर को गिरफ्तारी और जमानत पर रिहा होने के बाद देवायानी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान करने के लिए सरकार ने उनका संयुक्त राष्ट्र में अपने मिशन में तबादला कर दिया था।
उनकी नियुक्ति को मान्यता के संबंध अमरिका के विदेश विभाग में कुछ कागजी कार्रवाई होने की संभावना है और भारत इस सिलसिले में पहले ही कागजात सौंप चुका है। अदालत में निजी पेशी से छूट उनकी गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर की गई तलाशी से उत्पन्न गतिरोध दूर करने की दिशा में एक अहम कदम है।
उनकी गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और वह उनके खिलाफ बिना शर्त आरोप हटाने के लिए अमेरिका पर दबाव डाल रहा है। 12, दिसंबर को न्यूयॉर्क में उपमहावाणिज्यदूत देवयानी जब अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थीं, तब वीजा फर्जीवाड़ा के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। 2,50,000 डॉलर का मुचलका भरने के बाद उन्हें छोड़ा गया था। वह 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं।
इसी बीच, यहां के अमेरिकी दूतावास ने उसके और उसके अधिकारियों के यहां नौकरी पर रखे गए भारतीयों के लिए वीजा और अन्य विवरण जमा करने की की समय सीमाबढ़ाने की मांग की है। भारत में तैनात अमेरिकी राजनयिकों को इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि काम पर रखे गए भारतीयों को कितनी तनख्वाह दी जा रही है।
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