दिल्लीवासियों के लिए खुशखबरी है... आने वाले दिनों में बिजली के बिलों में काफी कमी आने वाली है. इसकी वजह है, पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज (पीपीएसी) में 50% से अधिक की कटौती. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पीपीएसी की कटौती का श्रेय बीजेपी लेना चाह रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार उपभोक्ताओं को टैरिफ बढ़ोतरी से बचाने को प्राथमिकता दे रही है, इसीलिए पीपीएसी में कटौती की गई है. पीपीएसी में कटौती की वजह कोई कुछ भी हो, लेकिन इसका सीधा फायदा दिल्ली के उपभोक्ताओं को होगा. आइए आपको बताते हैं पीपीएसी में 50 प्रतिशत की कटौती, लोगों के बिलजी बिल कितना घटाएगी.
किस क्षेत्र में PPAC में कितनी कटौती
- दिल्ली में संशोधित दरों के अनुसार, बीवाईपीएल, जो पीपीएसी पर 37.75% तक शुल्क लगाता था, उसे घटाकर 13.63% कर दिया गया है.
- बीआरपीएल को 35.8% से से घटाकर 18.2 प्रतिशत किया गया है.
- टीपीडीडीएल को 37.9% से 20.5 फीसदी PPAC पर ले आया गया है.
- एनडीएमसी के लिए कोई बदलाव नहीं हुआ, जो 38.8% शुल्क लेता है.
कितना कम हो जाएगा आपका बिल
इसका उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका अंदाजा लगाने के लिए हम 600 यूनिट की खपत करने वाले व्यक्ति का उदाहरण ले सकते हैं. यदि वह बीआरपीएल क्षेत्र में रहता है, तो उसका बिल 4,802 रुपये से घटकर 4,239 रुपये हो जाएगा.
- बीवाईपीएल क्षेत्र में 4,863 रुपये से 4,093 रुपये तक हो सकता है.
- टाटा पावर क्षेत्र में यह 4,867 रुपये से घटकर 4,313 रुपये हो जाएगी.
- एनडीएमसी क्षेत्र में, कोई बदलाव नहीं होगा, वो 4,895 रुपये का ही भुगतान करेगा.
- बीआरपीएल और बीवाईपीएल के लिए नई दरें मार्च तक और टीपीडीडीएल के लिए जनवरी तक वैध हैं.
- हालांकि, इससे 200 यूनिट तक की खपत पर सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं के बिल पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है.
समझें कैसे लगाया जाता है पीपीएसी?
पीपीएसी को बेस टैरिफ के प्रतिशत के रूप में लगाया जाता है, जिसमें उपभोक्ताओं द्वारा निर्धारित लागत और ऊर्जा शुल्क (उपभोग की गई इकाइयाँ) शामिल होते हैं. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने डिस्कॉम द्वारा बिजली खरीद लागत में उतार-चढ़ाव को कवर करने के लिए पीपीएसी अधिभार को अंतिम रूप दिया है. दिल्ली को चार डिस्कॉम द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है: बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और एनडीएमसी. शहर के विभिन्न हिस्सों में उपभोक्ताओं के लिए बढ़ोतरी अलग-अलग है, क्योंकि पीपीएसी में वृद्धि प्रत्येक डिस्कॉम के लिए अलग-अलग है.
CM आतिशी ने बताया- क्यों की गई पीपीएसी में कटौती
विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में बिजली बिल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इस मुद्दे पर बीजेपी और आप तब आमने-सामने आए, जब भाजपा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संशोधन का श्रेय लेने का दावा किया. इसके बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को भी मैदान में उतरना पड़ा. मुख्यमंत्री आतिशी, जिनके पास बिजली विभाग है, उन्होंने कहा कि पीपीएसी में कटौती AAP के ईमानदार शासन के कारण संभव हुई. सरकार उपभोक्ताओं को अत्यधिक टैरिफ बढ़ोतरी से बचाने को प्राथमिकता दे रही है. सीएम आतिशी ने कहा, 'बिजली आपूर्ति श्रृंखला के उचित प्रबंधन और पूर्व-योजना के माध्यम से ही दिल्ली सरकार इसे हासिल करने में सक्षम है.'
BJP का दावा- जुलाई में पीपीएसी का मुद्दा उठाया, हमारा संघर्ष रंग लाया
इधर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'अप्रैल 2024 से दिल्ली भाजपा द्वारा किया गया संघर्ष रंग लाया है. पीपीएसी शुल्क में 50% की कमी की गई है, जो निजी बिजली कंपनियों की मिलीभगत से अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा मनमाने ढंग से लगाया गया था. उन्होंने कहा कि बिजली बिलों पर भारी पीपीएसी शुल्क 50% कम कर दिया गया है. बीजेपी ने जुलाई में पीपीएसी का मुद्दा उठाया था और दर में संशोधन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. परिणामस्वरूप, डीईआरसी ने एक विश्लेषण किया. भाजपा ने कहा कि प्राधिकरण ने न केवल डिस्कॉम की पीपीएसी बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया, बल्कि कटौती भी लागू की.
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