कई दिनों से दिल्ली में रामलीलाओं के मंचन को लेकर असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी. लेकिन अब रामलीला कमेटियों और दिल्ली सरकार के बीच DDMA की गाइडलाइन की शर्तों के अंतर्गत इजाजत दे दी गई. आयोजकों का कहना है कि 31 सितंबर को दिल्ली प्रशासन ने रामलीलाओं के आयोजन के आदेश जारी किए. किन्तु बीच में सरकारी छुट्टियों के कारण 3 दिन खराब हो गए. 4 अक्टूबर तक सभी सरकारी एजेंसियों से परमिशन लेकर 3 दिन के भीतर लाल किले के विशाल मैदान में रामलीला के आयोजन की व्यवस्था करना बहुत बड़ा चैलेंज था.
लव कुश रामलीला कमेटी को दिल्ली सरकार से उम्मीद थी कि कोरोना के घटते मामलों के चलते इस वर्ष रामलीला मंचन की इजाजत मिल जाएगी. 3 दिन के अंदर लव कुश रामलीला कमेटी ने मंच सजा कर 7 अक्टूबर से रामलीला का पहला मंचन शुरू कर दिया है. जिस रामलीला की साज सज्जा की तैयारी महीने पहले हो जाती थी उसी लव कुश रामलीला के मंच को कमेटी ने 3 तीन में सजा कर खड़ा कर रामलीला का मंचन शुरू दिया है.
यहां केवल 600 लोगों को रामलीला में आने की DDMA और दिल्ली पुलिस की तरफ से परमिशन मिली है. दिल्ली पुलिस भी DDMA की गाइडलाइन के अनुसार रामलीला पर नजर रखे हुए है. नॉर्थ डिस्ट्रक्ट डीसीपी का कहना है जो रामलीला कमेटी कोविड को लेकर DDMA के निर्देशों का उल्लंघन करेगी उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. रामलीला के मंच पर भगवान राम की लीला का मंचन को देखकर कहीं से नहीं लगता कि महीनों की तैयारी को 3 दिन में पूरा करके सुंदर राम की लीला प्रस्तुत की जाएगी.
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