देश विरोधी गतिविधियों के मामले में भगोड़े अमृतपाल सिंह के समर्थन में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन और तिरंगे का अपमान करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. स्पेशल सेल के टीम इस मामले में आईबी की मदद ले रही है. स्पेशल सेल की टीम उन तमाम खलिस्तानी समर्थकों की पहचान कर रही है जो उस रोज प्रदर्शन का हिस्सा थे. सूत्रों के मुताबिक, खुफिया विभाग की तरफ से कुछ प्रदर्शनकारियों की पहचान की गई है जिनकी जानकारी स्पेशल सेल को दी गई है. हालांकि इनमें से कई लोग ऐसे है जो सालों पहले भारत छोड़ चुके है.
प्रदर्शनकारियों की वीडियो के जरिये की जा रहे पहचान
सूत्रों की मानें तो जिन लोगों के बारे में खुफिया विभाग को पता चला है वो पंजाब के तरनतारन, मजीठा, होशियारपुर और संगरूर के रहने वाले है जिन पर स्पेशल सेल जल्द शिकंजा कसेगी. वीडियो के ज़रिये अभी और भी प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है. स्पेशल सेल ने समर्थकों पर पुलिस ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. स्पेशल सेल ने IPC, UAPA,PDPP के तहत मामला दर्ज किया है. भारत के पासपोर्ट से विदेश की धरती पर देश के खिलाफ साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
भारत ने ब्रिटिश उप उच्चायुक्त को किया था तलब
गौरतलब है कि 19 मार्च को लंदन में यह प्रदर्शन हुआ था. रविवार के इस प्रदर्शन के मामले में भारत ने दिल्ली में सबसे वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था और खालिस्तान समर्थक अलगाववादी तत्वों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय ध्वज को उतारे जाने के प्रयास वाला वीडियो सामने आने के बाद ‘‘सुरक्षा व्यवस्था की गैरमौजूदगी'' पर स्पष्टीकरण मांगा था. विदेश मंत्रालय ने एक कड़े बयान में कहा था कि भारत को ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन सरकार की बेरुखी देखने को मिली है, जो अस्वीकार्य है. सूत्रों ने बताया था कि ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को घटना के मद्देनजर विदेश मंत्रालय में तलब किया गया क्योंकि उच्चायुक्त एलेक्स एलिस दिल्ली से बाहर हैं.
सुरक्षा को लेकर ब्रिटेन सरकार की बेरुखी देखने को मिली : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘ब्रिटेन से सुरक्षा व्यवस्था की गैरमौजूदगी के लिए स्पष्टीकरण की मांग की गई, जिससे ये तत्व उच्चायोग परिसर में दाखिल हुए.''मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक को वियना संधि के तहत ब्रिटेन सरकार के बुनियादी दायित्वों की याद दिलाई गई. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत को ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन सरकार की बेरूखी देखने को मिली है, जो अस्वीकार्य है.''
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