दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न तथा पीछा करने के अपराधों के लिए आरोपपत्र दाखिल किया और एक नाबालिग पहलवान द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की भी सिफारिश की है. दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, "पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है."
उन्होंने बताया कि अन्य पहलवानों द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर आधारित दूसरे मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
उन्होंने बताया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य उकसाने के परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी और प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा. इस आश्वासन के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन रोक दिया था.
दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों के मामले में करीब 1000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है. दिल्ली पुलिस ने करीब सवा महीने में जांच पूरी की है. भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ 25 लोगों ने गवाही दी. पुलिस को जांच में बृज बृजभूषण के खिलाफ न तो कोई संदिग्ध तस्वीर या वीडियो नहीं मिला है और न ही महिला पहलवानों द्वारा कोई भी मजबूत सबूत दिया गया है. महिला पहलवानों द्वारा दिए गए कुछ तस्वीरों से आरोप साफ नहीं हुआ. वहीं, विदेशी कुश्ती फेडरेशन ने भी दिल्ली पुलिस की कोई मदद नहीं की है.
विदेशी कुश्ती संघ को तीन जून को खतर लिखाकर बृजभूषण के खिलाफ सबूत मांगे थे. दिल्ली पुलिस द्वारा खत पांच देशों को लिखा गया था. अभी तक विदेशी कुश्ती संघ के किसी भी देश के द्वारा दिल्ली पुलिस को जवाब नहीं दिया गया है. कई पहलवानों के आरोप बहुत पुराने हैं. मामले में उस वक्त के कॉल डिटेल्स को नहीं खंगाला जा सकता. पुलिस के द्वारा महावीर अखाड़े के कई पहलवानों का बयान दर्ज किया है.
विशेष जांच दल ने 180 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित बीजेपी सांसद बृजभूषण के आवास पर भी गई थी जहां उसने सांसद के रिश्तेदारों, सहकर्मियों, घरेलू कर्मचारियों और उनके सहयोगियों का बयान दर्ज किया.
दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं. सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हो जाता है तो वह फांसी लगा लेंगे. पहलवान 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे. दिल्ली पुलिस ने 28 मई को उन्हें जबरदस्ती हटा दिया था, उसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था.
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