दिल्ली में एक्यूआई 400 के आसपास बना हुआ है, जो वायु प्रदूषण की गंभीर हालत दिखाता है.वहीं मुंबई में भी ये 200 के करीब पहुंच गया था, जिसके बाद वहां ग्रैप 4 लागू किया गया. हालांकि दिल्ली में अभी ग्रैप 4 लागू नहीं किया गया है. उल्टे दिल्ली एनसीआर में 26 नवंबर को ग्रैप 3 की पाबंदियां भी वापस ले ली गई थीं. सवाल उठता है कि जब दिल्ली के मुकाबले 50 फीसदी प्रदूषण होने के बावजूद मुंबई में GRAP 4 लागू हो जाता है, जबकि मुंबई में नहीं. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है, दोनों जगहों पर ग्रैप 4 के प्रतिबंधों में क्या अंतर है...
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने पिछले हफ्ते शहर में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. देवनार, मलाड, बोरीवली, अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे इलाकों में प्रदूषण की खराब स्थिति के बाद ये फैसला लिया गया था. AQI काबू में रखने के लिए BMC ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप 4) लागू किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुंबई और दिल्ली के ग्रैप 4 में कोई अंतर है.
मुंबई में ग्रैप 4 में क्या
- BMC ने 50 कंस्ट्रक्शन साइट पर काम रुकवा दिया था
- बेकरी और मार्बल कटिंग का काम दूसरी जगह शिफ्ट करने का आदेश
- प्रदूषण नियमों के सख्त पालन के लिए फ्लाइंग स्क्वाड तैनात
- इंजीनियर, पुलिसकर्मी और जीपीएस ट्रैक से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नजर
- 70 से ज्यादा साइटों का निरीक्षण कर 53 जगहों पर काम रोककर BMC ने दिया नोटिस

Delhi AQI Level
दिल्ली में ग्रैप 4 की कौन सी पाबंदियां
दिल्ली एनसीआर में इस साल अभी तक ग्रैप लागू नहीं किया गया है. जबकि 11 नवंबर को ग्रैप 3 की पाबंदी लागू की गई थीं. हालात गंभीर होने पर 19 नवंबर को ग्रैप 4 की कुछ पाबंदियों को ग्रैप 3 में शामिल किया गया था.
- बीएस-3 और बीएस-4 डीजल कारों पर रोक
- 10वीं, 12वीं छोड़ सारी कक्षाएं हाइब्रिड मॉडल (स्कूल और घर) में करने की सलाह
- प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम
- दिल्ली में ट्रकों और अन्य भारी वाहनों का प्रवेश बंद, निर्माण कार्यों पर रोक
- ग्रैप-4 में किसी अवैध कब्जे या अन्य ढांचे के ध्वस्तीकरण पर रोक
मुंबई में ग्रैप-4 की पाबंदियों के बाद AQI 150 से नीचे, दिल्ली की हवा में अब भी घुट रहा दम
दिल्ली और मुंबई के ग्रैप 4 में क्या अंतर
दिल्ली में वायु प्रदूषण का गंभीर स्तर साल दर साल ऐसे ही बना हुआ है. दिल्ली में एक्यूआई बढ़ने के साथ ग्रैप 1 से ग्रैप 4 की पाबंदियां चरणबद्ध तरीके से लागू की जाती हैं. जबकि मुंबई में सीधे तौर पर ग्रैप 4 लागू किया गया. यह पहली बार था कि मुंबई में ग्रैप लागू किया गया हो. वहां AQI 200 से 300 के आसपास पहुंचने के दौरान ही GRAP 4 तक लागू होता है. दिल्ली में जब 450 के करीब एक्यूआई पहुंचता है तब ग्रैप 4 की घोषणा हो जाती है.
प्रदूषण की अलग-अलग वजह
दिल्ली में प्रदूषण पराली जलने, वाहनों के धुएं और कारखानों से निकलने वाला कार्बन उत्सर्जन जिम्मेदार है. हवाओं की रफ्तार धीमी पड़ने से हालात और खराब हो जाते हैं. हालांकि मुंबई और अन्य समुद्री इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बेहतर रहती है, क्योंकि वहां हवा चलने के कारण प्रदूषणकारी तत्व शहर से दूर चले जाते हैं.
मुंबई में क्यों बिगड़ रहे हालात
मुंबई में मेट्रो, फ्लाईओवर जैसे बड़े निर्माण कार्य, वाहनों की बढ़ती तादाद और कचरा जलाने जैसी वजहों से हालत बिगड़ी है. मुंबई जैसे समुद्री इलाकों में एक्यूआई बढ़ना खतरे की घंटी है.
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