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This Article is From Feb 13, 2023

दिल्ली जल बोर्ड के बिल कलेक्शन में 20 करोड़ का घोटाला, 3 आरोपी गिरफ्तार

बिल कलेक्शन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अलग-अलग दफ्तरों में ऑटोमेटिक बिल कलेक्शन मशीन लगाने का काम कॉरपोरेशन बैंक को दिया गया था. कॉरपोरेशन बैंक ने फिर ये काम Freshpay IT solution को दिया. बाद में Freshpay IT solution ने ये काम Aurrum e payment को दिया.

दिल्ली जल बोर्ड के बिल कलेक्शन में 20 करोड़ का घोटाला, 3 आरोपी गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए आरोपी गोपी कुमार केडिया (बाएं से तीसरे), अभिलाष वासुकुत्तन पिल्लई (चौथे) और राजेंद्रन नायर (पांचवें).
नई दिल्ली:

दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्रांच ने सोमवार को 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों आरोपी कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी बिल कलेक्शन कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपियों में Aurrrum e payment का मालिक और डायरेक्टर राजेंद्रन नायर शामिल है. नायर के पास रूस का पासपोर्ट है. मूलरूप से वह केरल का निवासी है. दूसरा आरोपी गोपी कुमार केडिया है. वो Aurrum E Payment Company का सीएफओ था. इसके साथ ही Freshpay IT solution के डायरेक्टर रहे और Aurrum e payemnt में एडिशनल डायरेक्टर डॉक्टर अभिलाष वासुकुत्तन पिल्लई को भी गिरफ्तार किया गया है.

दोनों कंपनियों में रतन सिंह नाम का शख्स डायरेक्टर दिखाया गया है, लेकिन जांच में पता चला कि वो पेशे से ड्राइवर है. एंट्री करप्शन ब्रांच को उसके रूस में होने का शक है. Freshpay IT solution की 3 और सिस्टर कंपनियां विदेश में हैं. इनके अकाउंट में भी रकम भेजी गई है.

एसीबी के ज्वॉइंट कमिश्नर मधुर वर्मा के मुताबिक, कलेक्शन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अलग-अलग दफ्तरों में ऑटोमेटिक बिल कलेक्शन मशीन लगाने का काम कॉरपोरेशन बैंक को दिया गया था. कॉरपोरेशन बैंक ने फिर ये काम Freshpay IT solution को दिया. बाद में Freshpay IT solution ने ये काम Aurrum e payment को दिया.

ये कॉन्ट्रेक्ट 2012 से 10 अक्टूबर 2019 तक था. लेकिन Aurrum e payment मार्च 2021 तक पेमेंट कलेक्ट करती रही. शुरुआत में इसकी जांच दिल्ली जल बोर्ड के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने की. विजिलेंस डिपार्टमेंट ने पाया की 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है. इस हेरफेरी में बैंक के अधिकारियों के अलावा कुछ दलाल और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी शामिल हैं

इसके बाद 12 नवंबर 2022 को एंटी करप्शन ब्रांच ने केस दर्ज किया. जांच में पता चला कि दिल्ली के अलग-अलग जल बोर्ड से दफ्तरों से कैश कलेक्ट कर कनॉट प्लेस के ऑफिस लाया जाता था. इसके बाद इकठ्ठे किए पैसे से हेराफेरी कर कुछ पैसे निकालकर अपने खाते में जमा कर देते हैं. बाकी पैसा दिल्ली जल बोर्ड को ट्रांसफर करते थे.

दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के हर रोज कलेक्ट किए गए अमाउंट और जल बोर्ड को भेजे गए अमाउंट का मिलान करना था, लेकिन सबकी मिलीभगत के चलते ऐसा नहीं किया गया. पूरी पेमेंट न होने के बाद भी दिल्ली जल बोर्ड के अफसर Aurrum e payemnt का कॉन्ट्रेक्ट समय समय पर बढ़ाते रहे. इस मामले में बैंक के अधिकारियों और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका की जांच चल रही है.

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