कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने माना है कि दिल्ली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अंदर लगभग 50 फीसदी मामले ऐसे आ रहे हैं, जिनका स्रोत नहीं पता चल रहा है कि आखिर व्यक्ति को संक्रमण हुआ कहां से है. उन्होंने कहा कि 'देखिए ... कम्युनिटी स्प्रेड किसको कहते हैं.. जब आपको कुछ लोग ऐसे मिलने शुरू हो जाएं जिनके संक्रमण का सोर्स ना पता लग रहा हो. अब ये 'कुछ' नहीं हैं। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनका सोर्स नहीं पता लग रहा है कि उसको यह बीमारी कहां से मिली है.' लेकिन इसकी घोषणा को लेकर उनका कहना है कि यह तभी माना जाएगा जब केंद्र सरकार भी मान लेती है कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'epidomology के अंदर 4 स्टेज होती हैं. तीसरी स्टेज होती है कम्युनिटी स्प्रेड. कम्यूनिटी स्प्रेड उसे कहा जाता है जब किसी आदमी को इन्फेक्शन कहां से मिला है उसको नहीं पता होता और ऐसा एक केस नहीं है ऐसे बहुत सारे केस हैं।. लगभग आधे केस ऐसे आ रहे हैं जिन को नहीं पता लगता है कि उनको इन्फेक्शन कहां से लगा है.'
उन्होंने कहा कि 'सोमवार को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की बात कही लेकिन केंद्र सरकार इसे आधिकारिक तौर पर नहीं मान रही है. केंद्र सरकार मानेगी तभी इसे आधिकारिक माना जाएगा.'
मंगलवार को उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मीटिंग होनी है, जिसमें कम्यूनिटी स्प्रेड पर चर्चा होनी है. इसमें समीक्षा की जानी है कि दिल्ली में कम्यूनिटी स्प्रेड हुआ है या नहीं. इस मीटिंग में अगर कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के निर्णय पर पहुंच जाते हैं तो सरकार की क्या रणनीति है, सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'देखिए केंद्र सरकार मानेगी तभी पहुंचेंगे न. अगर आप बीमार हैं उससे फर्क नहीं पड़ता अगर आपको वह बीमार घोषित करेंगे कि हां बीमार है तब बात बनेगी.'
उन्होंने कहा कि सरकार अभी तक स्थिति से निपटने को तैयार है लेकिन दिल्ली के अस्पतालों को लेकर जो उनका ऑर्डर है, उसके बाद समस्या पैदा हो गई है. उन्होंने कहा, 'अगर मीटिंग में घोषित हो जाता है तो उसके बाद इसके प्रोटोकॉल बताएंगे. कम्यूनिटी स्प्रेड में मुख्य रूप से इलाज पर ध्यान दिया जाता है. अभी क्या होता है कि मान लीजिए एक मरीज आया वह पॉजिटिव है उसके कांटेक्ट में 50 लोग 100 लोग होते हैं अब 50 या 100 लोगों में से बीमार तो दो ही हैं अब दो पर ध्यान दीजिएगा, उनका इलाज कीजिएगा.'
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