
- दिल्ली HC ने पड़ोसियों के विवाद से जुड़ी क्रॉस एफआईआर को खत्म करने के लिए अनोखी शर्त रखी है
- मामला मानसरोवर पार्क थाने का है जहां दोनों पक्षों ने मारपीट और अभद्रता के आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई थी
- कोर्ट ने विवाद को निजी माना और इस पर आपराधिक कार्रवाई के बजाय सामुदायिक सेवा के रूप में समाधान सुझाया है
दिल्ली हाईकोर्ट ने पड़ोसियों के बीच पालतू जानवरों को लेकर हुए विवाद के बाद दर्ज मामलों को खत्म करने के लिए एक अनोखी शर्त रखी है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोनों पक्ष सरकारी बाल आश्रम में बच्चों और स्टाफ को पिज्जा और अमूल छाछ (Amul Chaach) परोसें.
जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने हाल ही में सुनवाई के दौरान कहा कि झगड़े के बाद एक-दूसरे पर दर्ज कराई गई क्रॉस एफआईआर को खत्म करने के लिए यह शर्त पूरी करनी होगी. मामला मानसरोवर पार्क थाने का है, जहां 5 मई 2025 को दर्ज एफआईआर में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट, डराने-धमकाने और अभद्रता के आरोप लगाए थे. हालांकि, बाद में दोनों पक्षों ने आपसी सुलह कर ली.
कोर्ट ने माना कि यह विवाद निजी था और इसे लेकर आपराधिक मामले चलाने की जरूरत नहीं है. सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि शिकायतकर्ताओं में से एक पिज्जा बेकिंग और बिक्री का काम करता है. इसी आधार पर कोर्ट ने आदेश दिया कि पिज्जा वही बनाएगा और दोनों पक्ष मिलकर इन्हें बच्चों को परोसेंगे.
आदेश के अनुसार, जीटीबी अस्पताल के पास स्थित संस्कार आश्रम में हर बच्चे, स्टाफ और देखभाल करने वालों को एक-एक वेजिटेबल पिज्जा और अमूल छाछ का टेट्रा पैक दिया जाएगा. कोर्ट ने जांच अधिकारी को इस आदेश के अनुपालन की निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं.
कोर्ट ने साफ कहा, “एफआईआर नंबर 220/2025 के शिकायतकर्ता द्वारा बेक किए गए पिज्जा को सभी बच्चों और स्टाफ को अमूल छाछ के साथ परोसा जाएगा. यह सेवा सामुदायिक सेवा के रूप में मानी जाएगी, जिसमें शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों मिलकर हिस्सा लेंगे.
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