दिल्ली में कहीं भी गैर-कानूनी कब्ज़े को नहीं हटाने के दिल्ली सरकार के आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी का कहना है कि तोड़फोड़ रोकने का कानून संसद में पहले ही पास हो चुका है, फिर केजरीवाल जनता को गुमराह क्यों कर रहे हैं।
नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी का कहना है कि दिसंबर 2014 में उन्हीं की पहल पर संसद में अवैध कॉलोनियों और झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में तोड़-फोड़ रोकने का कानून बन चुका है।
बीजेपी के पूर्व विधायक आरपी सिंह का कहना है कि कब्ज़े हटाने वाली एजेंसियां जैसे एनडीएमसी, डीडीए और दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के पास हैं और दिल्ली नगर निगम बीजेपी के पास, ऐसे में कैसे दिल्ली सरकार एजेंसियों को तोड़-फोड़ न करने का आदेश दे रही है।
सोमवार को केजरीवाल सरकार ने आदेश दिया था कि अगली समीक्षा तक दिल्ली में कोई तोड़फोड़ नहीं होगी और अगर किसी एजेंसी को तोड़-फोड़ करनी है तो उसे दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी।
आप आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि बीजेपी गरीब विरोधी है तो खुलकर सामने आये और इस मामले पर बयान जारी करे।
जानकारों का कहना है कि दिल्ली में अधिकतर तोड़फोड़ कोर्ट के आदेश पर ही होती हैं, यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने फुटपाथ पर अतिक्रमण को लेकर सरकार से नाराजगी दिखाई थी ऐसे दिल्ली सरकार का आदेश कितना प्रभावी होगा यह प्रश्न खड़ा हो गया है।
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