सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हरियाणा और दिल्ली के बीच जल विवाद को लेकर दिल्ली सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि यमुना नदी से प्रतिदिन 450 क्यूसेक पानी की आपूर्ति के लिये हरियाणा सरकार के साथ बातचीत चल रही है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ को दिल्ली जल बोर्ड ने सूचित किया कि हरियाणा ने आज थोड़ी मात्रा में पानी छोड़ा है. दिल्ली जल बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि हो सकता है कि न्यायालय को इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं करना पड़े क्योंकि दोनों सरकारें इस संकट को सुलझाने के लिये बातचीत कर रही हैं.
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रोहतगी के इस कथन के बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 16 अप्रैल के लिये स्थगित कर दी. शीर्ष अदालत दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि हरियाणा ने यमुना नदी से जलापूर्ति एक तिहाई कम कर दी है. इस वजह से राजधानी में जल संकट हो रहा है. जल बोर्ड का कहना है कि दिल्ली को प्रतिदिन 450 क्यूसेक जल की आपूर्ति करने पर सहमति हुई थी लेकिन हरियाणा इस समय रोजाना 330 क्यूसेक जल ही दे रहा है.
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बोर्ड ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि वजीराबाद जलाशय को रोजाना और नियमित रूप से 450 क्यूसेक जल की आपूर्ति करने का निर्देश हरियाणा सरकार को दिया जाये.
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बोर्ड ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि वजीराबाद जलाशय को रोजाना और नियमित रूप से 450 क्यूसेक जल की आपूर्ति करने का निर्देश हरियाणा सरकार को दिया जाये.
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