- दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के कारण 5वीं तक की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में संचालित करने का निर्णय लिया है.
- कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से चलेंगी, अभिभावक अपनी सुविधा अनुसार बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं.
- दिल्ली में AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचने पर आज ग्रैप के तीसरे चरण को लागू किया गया है.
दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. 5वीं तक की क्लास को हाइब्रिड मोड में कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि क्लास ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में चलेगी. जो मां-बाप बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, वे भेज सकते हैं. इसके अलावा बच्चे ऑनलाइन भी पढ़ सकेंगे. दरअसल केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के बाद मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत कड़े प्रदूषण-रोधी उपाय लागू किए हैं. ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के बाद दिल्ली सरकार ने अगले आदेश तक 5वीं तक की क्लास हाइब्रिड मोड में चलाने का फैसला किया है.
क्या कहा गया आदेश में?
शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, "शिक्षा निदेशालय, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया जाता है कि वे कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक हाइब्रिड मोड, यानी भौतिक और ऑनलाइन (जहां भी ऑनलाइन मोड संभव हो) दोनों में कक्षाएं संचालित करें."
तीसरे चरण के प्रतिबंधों में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य पर रोक और पत्थर तोड़ने वाली मशीनों तथा खनन गतिविधियों पर रोक शामिल हैं. यह ग्रैप के पहले और दूसरे चरण के तहत उठाए गए उपायों के अतिरिक्त हैं. तीसरे चरण के तहत पांचवीं तक की कक्षाओं को हाइब्रिड रूप से संचालित किया जाएगा. अभिभावकों और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हों, ऑनलाइन कक्षाओं को चुनने का विकल्प है.
तीसरे चरण के अंतर्गत दिल्ली और आसपास स्थित एनसीआर के जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों (चार पहिया वाहनों) का उपयोग प्रतिबंधित है. दिव्यांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है.
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