खास बातें
- दिल्ली गैंगरेप के छठे आरोपी को नाबालिग ठहराने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की के परिजन न्यायालय में चुनौती देंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप के छठे आरोपी को नाबालिग ठहराने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की के परिजन न्यायालय में चुनौती देंगे। लड़की के पिता ने कहा कि छठा आरोपी नाबालिग है, यह मानकर उसकी सजा कम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सारे आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।
लड़की के भाई ने किशोर न्याय बोर्ड का फैसला आने के बाद कहा कि फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के लोग इस मामले में विधिवेत्ताओं से बातचीत करेंगे तथा इसे सक्षम न्यायालय में चुनौती देंगे। परिजन इस बात के लिए हरगिज तैयार नहीं है कि नाबालिग गुनाहगार को फांसी से कम सजा मिले।
भाई ने दोहराया कि नाबालिग आरोपी को भी फांसी की ही सजा मिले, इसके लिए केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द कानून में बदलाव करना चाहिए। वह कहते हैं कि परिवार के लोग कभी भी राजी नहीं होंगे कि घटना को अंजाम देने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नाबालिग आरोपी को महज तीन वर्ष की ही सजा हो।
लड़की के भाई ने कहा कि न्यायालय ने स्कूल के अभिलेख पर फैसला दिया है, जबकि उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाना चाहिये था। मेडिकल परीक्षण हुआ होता तो सच सामने आ गया होता।
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि स्कूल के अभिलेख में जन्मतिथि अंकित करने में फर्जीवाड़ा का सहारा लिया जा सकता है।