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This Article is From Feb 18, 2023

"अदालत की अवमानना"; दिल्ली के उपराज्यपाल को लेकर AAP का सनसनीखेज दावा

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल ने मामले को 'असंवैधानिक' रूप से प्रभावित करने की कोशिश की ताकि सच्चाई अदालत में सामने न आए.

"अदालत की अवमानना"; दिल्ली के उपराज्यपाल को लेकर AAP का सनसनीखेज दावा
दिल्ली एलजी पर जमकर बरसे सीएम केजरीवाल
नई दिल्ली:

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच तनातनी खत्म होती नहीं दिख रही है. आलम ये है कि आप अक्सर दिल्ली एलजी को घेरती रहती है. आज खुद दिल्ली सीएम ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली एलजी पर जमकर निशाना साधा. दिल्ली सीएम ने कहा कि एलजी वीके सक्सेना ने निकाय के सदस्यों के मतदान के अधिकार पर अपने वकील को मामले के दोनों पक्षों को बहस करने की कोशिश करके अदालत की अवमानना की है. दिल्ली के मेयर का चुनाव दो महीने में तीन बार स्थगित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आप के पक्ष में फैसला सुनाया था. हालांकि, केजरीवाल ने सनसनीखेज दावा किया कि एलजी धोखे से मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल ने मामले को 'असंवैधानिक' रूप से प्रभावित करने की कोशिश की ताकि सच्चाई अदालत में सामने न आए.

दिल्ली सीएम ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में एमसीडी मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी की बहुत बड़ी जीत हुई जो कि जनतंत्र की जीत है. गलत तरीके से एलजी साहब और बीजेपी वाले बीजेपी का मेयर बनाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे नाकाम किया. मैंने 22 फरवरी के दिन बैठक बुलाने के लिये एलजी को लिखा है. सुप्रीम कोर्ट में सच्चाई न जाये ये एलजी ने कोशिश की. दिल्ली सरकार और एलजी दोनों को अलग अलग पार्टी बनाया था. दिल्ली सरकार ने UD सेक्रेटरी को गौतम नारायण को वकील के तौर पर पेश करें, 9 फरवरी की रात को एलजी ने ये आदेश जारी किया. इसका सेकंड पैराग्राफ कहता है कि अर्बन डेवलपमेंट फैसले को डिफेंड करें. यानी तुषार मेहता को ही दिल्ली सरकार का वकील बनाने के लिए कहा गया. तेरा वकील भी मेरा वकील हों. एलजी अफसर को कहते हैं कि मेरे सारे गलत कामों को डिफेंड करना है. मेरा वकील तुषार मेहता है तो तुम भी तुषार मेहता करो.

ऐसे में उस अफसर के पास क्या चारा था , उसने तुषार मेहता को ही वकील बनाया. यानी दिल्ली सरकार एलजी का एक ही वकील था. अफसर पर बंदूक रखककर ये काम कराया गया. अगर सुप्रीम कोर्ट में अगर उनकी पोल खुल जाती तो वे मुंह दिखाने लायक नही रह जाते. हम फ़िल्म में देखते हैं कि क्रिटिकल गवाह की कभी हत्या हो जाती है उसके परिवार को किडनैप कर लेते हैं. यहां भी यही काम किया गया, ये गुनाह है. ये न्याय प्रणाली में बाधा डालने जैसा है. ये क्रिमिनल कंडक्ट है. मैंने इस बारे में एलजी को खत लिखा है कि ये सब नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है तो फादर फिगर के साथ उन्हें न्याय करना चाहिए था. अगर सुप्रीम कोर्ट पूछ देता तो क्या होता एक जगह तुषार मेहता एलजी के होते दूसरी जगह मनीष वाला वकील खड़ा होता. एलजी कहते हैं कि मैं संविधान को नही मानता ऐसे कैसे दिल्ली चलेगी. पहली बात शराब घोटाला नही हुआ. यही पॉलिसी पंजाब में लागू हुई. मनीष जी कल जाएंगे हम पूरा कोआपरेट करेंगे.

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