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This Article is From Nov 04, 2023

दिल्ली फिर बनी गैस चेंबर, कई इलाकों में AQI अभी भी सबसे खतरनाक स्तर पर

राजधानी में प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (LG VK Saxena) ने शुक्रवार को  पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान धान की पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों, खासकर पंजाब से अपील करने का निर्णय लिया गया था.

दिल्ली में प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली:

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनता दिख रहा है. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों वायु की गुणवत्ता (AQI) 400 से ज्यादा पहुंच गई है. दिल्ली के में वजीरपुर में AQI 437, आर के पुरम में AQI 434, नेहरू नगर में AQI 426, शादीपुर में दिल्ली AQI 451, ओखला में AQI 436, बवाना में AQI 434, मुंडका में AQI 424, आनंद विहार में 438 करणी सिंह शूटिंग रेंज में AQI 451 दर्ज किया गया है.  

आम लोगों की बढ़ी समस्या

प्रदूषण के अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कारण अनेक लोग सुबह की सैर और खेल समेत खुले में की जाने वाली अपनी गतिविधियों को टालने के लिए मजबूर हुए हैं. द्वारका में रहने वाले संजय कबीर ने न्यूज एजेंसी भाषा से बातचीत में कहा कि वह सुबह और शाम की सैर से बच रहे हैं, इसके बजाय घर के अंदर रहना पसंद कर रहे हैं. माता-पिता काफी चिंतित हैं क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे तेजी से सांस लेते हैं और अधिक प्रदूषक तत्व ग्रहण करते हैं. क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के अंतिम (चौथे) चरण के तहत दूसरे राज्यों के केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-4 वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी जाती है. इसमें आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को छूट दी जाती है. 

पड़ोसी राज्यों में भी प्रदूषण बड़ी समस्या

आवश्यक सेवाओं में लगे सभी मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों पर भी राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता होती है. यह पिछले कुछ दिन में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट के सिलसिले को दर्शाता है. बीते कुछ दिनों में एक्यूआई गिरकर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया. वायु गुणवत्ता का संकट केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है. पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता हानिकारक स्तर पर दर्ज की गयी है. 

इन शहरों में राजस्थान में हनुमानगढ़ (401), भिवाड़ी (379) और श्री गंगानगर (390), हरियाणा में हिसार (454), फतेहाबाद (410), जींद (456), रोहतक (427), बल्लभगढ़ (390), बहादुरगढ़ (377), सोनीपत (458), कुरुक्षेत्र (333), करनाल (345), कैथल (369), भिवानी (365), फरीदाबाद (448) और गुरुग्राम (366) तथा उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद (414), बागपत (425), मेरठ (375), नोएडा (436) और ग्रेटर नोएडा (478) शामिल हैं. 

प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण को लागू करते हुए सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को क्षेत्र में गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया. दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

LG ने बुलाई थी बैठक

बता दें कि राजधानी में प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (LG VK Saxena) ने शुक्रवार को  पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान धान की पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों, खासकर पंजाब से अपील करने का निर्णय लिया गया था. बैठक में अंतरिम उपाय अपनाने का भी निर्णय लिया गया, जैसे कि पर्यावरण विभाग द्वारा लोगों, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने के लिए सलाह जारी करना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी और मशीनीकृत सड़क सफाईवाहनों, पानी की बौछार करने वाले वाहनों व एंटी-स्मॉग गन का इष्टतम उपयोग करना शामिल है. 

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