रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

‘मेक इन इंडिया’ पहल के ढांचे के तहत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच मिली है

रक्षा मंत्रालय ने 45 हजार करोड़ रुपये के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद के नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र एवं 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और डोर्नियर विमानों को अद्यतन करना शामिल हैं.‘मेक इन इंडिया' पहल के ढांचे के तहत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच मिली है.

डोर्नियर विमानों की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए वैमानिकी उन्नयन के भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस साल की शुरुआत में कई मौकों पर विमान में तकनीकी खराबी की सूचना मिली थी.

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने लगभग 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकतानुसार स्वीकृति (एओएन) प्रदान कर दी है.”

एओएन किसी भी रक्षा अधिग्रहण परियोजना की प्रारंभिक मंजूरी को संदर्भित करता है. अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी.

रक्षा मंत्रालय ने कहा, “ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से की जाएगी, जिनसे ‘आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा.''

डीएसी की बैठक में सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में महत्वाकांक्षाओं के उन्नयन का समय आ गया है. उन्होंने कहा, “भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित (आईडीडीएम) परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की सीमा के बजाय, हमें न्यूनतम 60-65 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए.”

मंत्रालय ने बयान में कहा कि सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता और मशीनीकृत बलों की उत्तरजीविता बढ़ाने के लिए, डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहन (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद को मंजूरी दे दी है.

डीएसी ने तोपों और राडार को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनकी तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) की खरीद को भी मंजूरी दे दी है.

मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण पोत की खरीद को भी मंजूरी दे दी. इसमें कहा गया है कि डोर्नियर विमान के वैमानिकी उन्नयन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वायु सेना के एक प्रस्ताव को भी आवश्यकतानुसार स्वीकृति (एओएन) दी गई थी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मंत्रालय ने कहा कि स्वदेश में निर्मित एएलएच एमके-4 हेलीकॉप्टरों के लिए शक्तिशाली स्वदेशी सटीक निर्देशित हथियार के रूप में ध्रुवास्त्र की खरीद को भी डीएसी ने मंजूरी दी है. ध्रुवास्त्र कम दूरी तक हवा से सतह तक मार करने वाली मिसाइल है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)