नई दिल्ली:
वसंतकुंज से बुधवार को नरेला ओल्ड एज होम में शिफ्ट हुए बुजुर्गों में से एक शेर सिंह की मौत हो गई है। वह 55 साल के थे। दरअसल, लीज खत्म होने के बाद कई बुजुर्गों को वसंतकुंज के फार्म हाउस से बाहर निकाल दिया गया था और पिछले दो दिनों से सड़क पर थे।
मीडिया में खबर आने के बाद सरकार ने इन बुजुर्गों की सुध ली थी और इन्हें नरेला के ओल्ड एज होम में शिफ्ट करवाया था। खबर है कि शेर सिंह पहले से ही बीमार चल रहे थे और बुधवार को शिप्ट होने के दौरान वह गिर गए थे।
गौरतलब है कि 55 साल के शेर सिंह अपने परिवार से ठुकराए गए उन 135 लोगों में शामिल थे, जिन्हें बुधवार को वसंत कुंज से नरेला के ओल्ड एज होम में शिफ्ट किया गया था। ये वे लोग हैं, जिन्हें पहले तो परिवार ने नहीं अपनाया और फिर जिस घर में वे रह रहे थे, वह भी छिन गया।
गौर करने वाली बात यह है कि नरेला में जिस जगह इन लाचार लोगों को शिफ्ट किया गया है वह दिल्ली में भिखारियों के लिए बनाया गया सरकारी घर है, जो कि कई सालों से बंद पड़ा था। ऐसे में यहां जाहिरतौर पर इन लाचार बीमार लोगों के लिए जरूरी इंतजाम नहीं हैं।
मीडिया में खबर आने के बाद सरकार ने इन बुजुर्गों की सुध ली थी और इन्हें नरेला के ओल्ड एज होम में शिफ्ट करवाया था। खबर है कि शेर सिंह पहले से ही बीमार चल रहे थे और बुधवार को शिप्ट होने के दौरान वह गिर गए थे।
गौरतलब है कि 55 साल के शेर सिंह अपने परिवार से ठुकराए गए उन 135 लोगों में शामिल थे, जिन्हें बुधवार को वसंत कुंज से नरेला के ओल्ड एज होम में शिफ्ट किया गया था। ये वे लोग हैं, जिन्हें पहले तो परिवार ने नहीं अपनाया और फिर जिस घर में वे रह रहे थे, वह भी छिन गया।
गौर करने वाली बात यह है कि नरेला में जिस जगह इन लाचार लोगों को शिफ्ट किया गया है वह दिल्ली में भिखारियों के लिए बनाया गया सरकारी घर है, जो कि कई सालों से बंद पड़ा था। ऐसे में यहां जाहिरतौर पर इन लाचार बीमार लोगों के लिए जरूरी इंतजाम नहीं हैं।
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