चेन्नई में भारी बारिश...
चेन्नई:
पिछले दो दशकों में तमिलनाडु की राजधानी को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले चक्रवाती तूफान 'वरदा' के कारण सोमवार को चार लोगों की जान चली गई, घर तबाह हो गए, टेलीफोन लाइनें टूट गईं और रेल, सड़क तथा वायु यातायात अवरद्ध हो गया. चेन्नई, तिरवल्लुर और कांचीपुरम में भारी बारिश और तेज हवाओं का जोर रहा.
सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बह रहीं हवाओं से बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए, होर्डिंग उड़ गए और कारें भी पलट गईं. निचले इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
आंध्रप्रदेश में काकिनाडा में दो मछुआरे समुद्र तट के पास से लापता हो गए. तटरक्षक ने उनकी तलाश और बचाव के लिए जहाज को तैनात किया है. आंध्रप्रदेश से अभी तक संपत्ति के बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है लेकिन चित्तूर और एसपीएस नेल्लोर जिले में भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन पर बुरा असर डाला है.
चेन्नई में सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया. बसें और उपनगरीय ट्रेनें रुकी रहीं और हवाईअड्डे को भी बंद कर दिया गया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रेल, सड़क और हवाई यातायात कल तक बहाल होने की संभावना है. चेन्नई, तिरवल्लुर और कांचीपुरम जिलों में आज ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "1994 के बाद यह चेन्नई तट की ओर कूच करने वाला पहला बहुत जोरदार चक्रवाती तूफान है. तूफान आशंका के मुताबिक आज शाम तक पूरी तरह तटीय क्षेत्र में पहुंच चुका है."
निगम कर्मचारियों ने बैटरी से संचालित लकड़ी काटने वाले यंत्रों का इस्तेमाल कर सड़कों पर पड़े पेड़ों को हटाने का प्रयास किया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के जवानों को बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है वहीं सेना को तैयार रहने को कहा गया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान में चार लोग मारे गये, वहीं एनडीआरएफ के छह और एसडीआरएफ के चार दल बचाव के प्रयासों में लगे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर चेन्नई, तिरुवल्लुर जिले के पझावेरकाडु और कांचीपुरम जिले के ममल्लापुरम गांवों से करीब आठ हजार लोगों को 95 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया है. आंध्रप्रदेश में बंगाल की खाड़ी के आसपास रहने वाले लोगों को भारी बारिश के बीच राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
मौसम विभाग ने कहा था कि शाम ढाई बजे से साढ़े चार बजे के बीच 'वरदा' के चेन्नई में दस्तक देने के बाद हवा और बारिश की तीव्रता में कमी आएगी. बहरहाल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की सरकारों को 'वरदा' चक्रवात को देखते हुए हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया.
एक सरकारी बयान में बताया गया, "सिंह ने मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को फोन किया और चक्रवात वरदा के बाद स्थिति के बारे में जानकारी ली." बयान में बताया गया है, "केंद्रीय गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि इस बारे में राज्य सरकार को आवश्यक सभी सहयोग दिया जाएगा."
पनीरसेल्वम ने सिंह को बताया कि चक्रवात से उपजी स्थिति से निपटने के लिए राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को तैयार रखा गया है और प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान की निगरानी के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को तैनात किया गया है. उन्होंने गृह मंत्री को सूचित किया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है और तटरक्षक बल के अलावा सशस्त्र बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी हालात के बारे में राजनाथ सिंह को बताया.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने चेन्नई, तिरूवल्लुर और कांचीपुरम जिले के लोगों से अपील की कि आधिकारिक घोषणा होने तक वे घरों से बाहर नहीं निकलें. 'वरदा' के कारण ये इलाके सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों को यहां उखड़ चुके वृक्षों को हटाते हुए और बिजली व्यवस्था बहाल करते हुए देखा गया. वे यातायात को सामान्य बनाने का प्रयास करते हुए भी देखे गए.
पाकिस्तान ने दिया वरदा नाम
चक्रवर्तीय तूफ़ान वरदा का नाम पाकिस्तान ने दिया है. फ़िलहाल इस चक्रवात का असर बंगाल की खाड़ी में है. वरदा का मतलब है कि लाल गुलाब..
लोगों से अपील सावधानी बरतें
तमिलनाडु में एनडीआरएफ की सात और आंध्र प्रदेश में छह टीमें मौजूद हैं. वरदा से निपटने के लिए वायुसेना को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि तूफान के दौरान वे पेड़ों के नीचे न खड़े हों और न ही अपनी गाड़ियों को उनके आसपास लगाएं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि अदयार और तिरूवनमियूर इलाके के मछुआरों को स्थानीय स्कूलों में रखा गया है और उन्हें भोजन और कम्बल बांटे जा रहे हैं. राज्य के मंत्री राहत केंद्रों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को भोजन वितरण की निगरानी कर रहे हैं.
बहरहाल चक्रवात प्रभावित चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लुर जिलों में दूध आपूर्ति आज बाधित नहीं हुई और कल भी इसके सामान्य रहने की उम्मीद है. यह जानकारी तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने दी.
सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बह रहीं हवाओं से बड़ी संख्या में पेड़ गिर गए, होर्डिंग उड़ गए और कारें भी पलट गईं. निचले इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
आंध्रप्रदेश में काकिनाडा में दो मछुआरे समुद्र तट के पास से लापता हो गए. तटरक्षक ने उनकी तलाश और बचाव के लिए जहाज को तैनात किया है. आंध्रप्रदेश से अभी तक संपत्ति के बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है लेकिन चित्तूर और एसपीएस नेल्लोर जिले में भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन पर बुरा असर डाला है.
चेन्नई में सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया. बसें और उपनगरीय ट्रेनें रुकी रहीं और हवाईअड्डे को भी बंद कर दिया गया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रेल, सड़क और हवाई यातायात कल तक बहाल होने की संभावना है. चेन्नई, तिरवल्लुर और कांचीपुरम जिलों में आज ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "1994 के बाद यह चेन्नई तट की ओर कूच करने वाला पहला बहुत जोरदार चक्रवाती तूफान है. तूफान आशंका के मुताबिक आज शाम तक पूरी तरह तटीय क्षेत्र में पहुंच चुका है."
निगम कर्मचारियों ने बैटरी से संचालित लकड़ी काटने वाले यंत्रों का इस्तेमाल कर सड़कों पर पड़े पेड़ों को हटाने का प्रयास किया. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ के जवानों को बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है वहीं सेना को तैयार रहने को कहा गया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान में चार लोग मारे गये, वहीं एनडीआरएफ के छह और एसडीआरएफ के चार दल बचाव के प्रयासों में लगे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर चेन्नई, तिरुवल्लुर जिले के पझावेरकाडु और कांचीपुरम जिले के ममल्लापुरम गांवों से करीब आठ हजार लोगों को 95 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया है. आंध्रप्रदेश में बंगाल की खाड़ी के आसपास रहने वाले लोगों को भारी बारिश के बीच राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
मौसम विभाग ने कहा था कि शाम ढाई बजे से साढ़े चार बजे के बीच 'वरदा' के चेन्नई में दस्तक देने के बाद हवा और बारिश की तीव्रता में कमी आएगी. बहरहाल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की सरकारों को 'वरदा' चक्रवात को देखते हुए हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया.
एक सरकारी बयान में बताया गया, "सिंह ने मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को फोन किया और चक्रवात वरदा के बाद स्थिति के बारे में जानकारी ली." बयान में बताया गया है, "केंद्रीय गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि इस बारे में राज्य सरकार को आवश्यक सभी सहयोग दिया जाएगा."
पनीरसेल्वम ने सिंह को बताया कि चक्रवात से उपजी स्थिति से निपटने के लिए राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को तैयार रखा गया है और प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान की निगरानी के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को तैनात किया गया है. उन्होंने गृह मंत्री को सूचित किया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है और तटरक्षक बल के अलावा सशस्त्र बलों को भी अलर्ट पर रखा गया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी हालात के बारे में राजनाथ सिंह को बताया.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने चेन्नई, तिरूवल्लुर और कांचीपुरम जिले के लोगों से अपील की कि आधिकारिक घोषणा होने तक वे घरों से बाहर नहीं निकलें. 'वरदा' के कारण ये इलाके सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों को यहां उखड़ चुके वृक्षों को हटाते हुए और बिजली व्यवस्था बहाल करते हुए देखा गया. वे यातायात को सामान्य बनाने का प्रयास करते हुए भी देखे गए.
पाकिस्तान ने दिया वरदा नाम
चक्रवर्तीय तूफ़ान वरदा का नाम पाकिस्तान ने दिया है. फ़िलहाल इस चक्रवात का असर बंगाल की खाड़ी में है. वरदा का मतलब है कि लाल गुलाब..
लोगों से अपील सावधानी बरतें
तमिलनाडु में एनडीआरएफ की सात और आंध्र प्रदेश में छह टीमें मौजूद हैं. वरदा से निपटने के लिए वायुसेना को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. लोगों से अपील की गई है कि तूफान के दौरान वे पेड़ों के नीचे न खड़े हों और न ही अपनी गाड़ियों को उनके आसपास लगाएं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि अदयार और तिरूवनमियूर इलाके के मछुआरों को स्थानीय स्कूलों में रखा गया है और उन्हें भोजन और कम्बल बांटे जा रहे हैं. राज्य के मंत्री राहत केंद्रों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को भोजन वितरण की निगरानी कर रहे हैं.
बहरहाल चक्रवात प्रभावित चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लुर जिलों में दूध आपूर्ति आज बाधित नहीं हुई और कल भी इसके सामान्य रहने की उम्मीद है. यह जानकारी तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने दी.
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