चक्रवाती तूफान 'मैंडूस' के तमिलनाडु के तट के करीब पहुंचने के कारण उत्तर तटीय तमिलनाडु के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. ‘मैंडूस' 9 दिसंबर की रात और 10 दिसंबर की अहले सुबह उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के बीच के तटीय क्षेत्र से होकर गुजरेगा.
चक्रवाती तूफान के कारण राज्य के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई. नुंगमबक्कम में रिकॉर्ड सात सेंटीमीटर बारिश हुई, जबकि चेंगलपेट और नागपट्टिनम सहित अन्य तटीय क्षेत्रों में रुक-रुक कर, हल्की से मध्यम (तीन सेमी तक) स्तर की बारिश हुई.
आईएमडी-क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख एस बालाचंद्रन ने संवाददाताओं से कहा कि चेन्नई और पुडुचेरी के बीच, 1891 से 2021 तक पिछले 130 वर्षों में 12 चक्रवात आ चुके हैं. यदि यह चक्रवात मामल्लपुरम के पास तट को पार करता है, तो यह तट को पार करने वाला 13वां चक्रवात होगा (चेन्नई और पुडुचेरी के बीच).
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने यहां आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष में जिलों में निगरानी अधिकारियों और अन्य अधिकारियों से बातचीत कर तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कांचीपुरम में एक अधिकारी से कहा, ‘‘मध्यरात्रि तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है.'' मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि स्थिति से निपटने और लोगों की सुरक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों के लिए तमिलनाडु राज्य आपदा मोचन बल की 40 सदस्यीय टीम के अलावा 16,000 पुलिसकर्मियों और 1,500 होमगार्ड को तैनात किया गया है. इसके अलावा जिला आपदा मोचन बल की 12 टीम को तैयार रखा गया है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल की टीम के लगभग 400 कर्मियों को पहले से ही कावेरी डेल्टा क्षेत्रों के पास सहित तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
आईएमडी ने कहा कि डॉपलर मौसम रडार चक्रवात की निगरानी कर रहे हैं, जो 24 घंटे से कम समय के लिए एक गंभीर चक्रवाती तूफान के बाद नौ दिसंबर को एक चक्रवाती तूफान के रूप में तब्दील हो गया. यह अब चेन्नई से लगभग 260 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व और कराईकल से 180 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व में स्थित है.
‘मैंडूस' अरबी भाषा का एक शब्द है और इसका अर्थ है ‘खजाने की पेटी' (बॉक्स) और यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा चुना गया है.
चक्रवाती तूफान के शनिवार की मध्यरात्रि और तड़के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी तथा श्रीहरिकोटा के पास मामल्लपुरम व दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की संभावना है. इस दौरान 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 85 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है.
आज शाम छह बजे से आधी रात तक यहां से कम से कम 13 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. इस दौरान उपनगरीय सेवाओं सहित ट्रेनों का संचालन किया गया और कई क्षेत्रों में जलभराव के कारण बस सेवाओं में कुछ व्यवधान आया. कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रहे.
पड़ोसी पुडुचेरी में, क्षेत्रीय प्रशासन ने आईएमडी द्वारा चक्रवात की चेतावनी जारी करने के बाद शुक्रवार और शनिवार को पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में सभी स्कूल और कॉलेज के लिए अवकाश घोषित किया गया है.
तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने कहा कि चक्रवात आने से दो घंटे पहले और बाद में मामल्लपुरम और ईस्ट कोस्ट रोड के आस-पास बस सेवाएं निलंबित कर दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम, तिरुवल्लुर, कुड्डालोर और विल्लुपुरम के तटीय जिलों में बसें हमेशा की तरह चलती रहेंगी.
अधिकांश स्थानों में 10 दिसंबर को वर्षा की तीव्रता कम होने की संभावना है, हालांकि उत्तरी आंतरिक तमिलनाडु, रायलसीमा और आसपास के दक्षिणी आंध्र प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
तूफान के तट से टकराने के बाद, चक्रवाती तूफान की तीव्रता कम हो जाएगी और 10 दिसंबर को यह निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा. आईएमडी ने कहा, ‘‘आंधी हवा, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में 80-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है.''
तमिलनाडु के मुख्य सचिव वी. इरई अंबु ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की और चक्रवात के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की. पुडुचेरी के गृह और शिक्षा मंत्री ए. नमशिवायम ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार ने आईएमडी द्वारा जारी चेतावनी पर ध्यान दिया है कि बंगाल की खाड़ी में तूफान के प्रभाव में पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में एक मजबूत चक्रवात आएगा. उन्होंने कहा कि शुक्रवार से दो दिनों तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे.
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत कार्यों से संबंधित सभी विभागों को तैयार रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव दलों को तैनात किया है. पुडुचेरी बंदरगाह पर एक तूफान चेतावनी संकेत ध्वज संख्या पांच फहराया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है. मौजूदा स्थिति को लेकर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की.
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