प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) भष्ट्राचार निरोधी उपायों के लिये उठाये गये कदमों को लेकर केंद्र सरकार के संगठनों की रैंकिंग करेगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. इसमें कहा गया कि सीवीसी ने एक संगठन के अंदर आतंरिक प्रक्रियाओं और नियंत्रणों के साथ ही संबंधों के प्रबंधन तथा बाहरी पक्षकारों की उम्मीदों के मानदंड के आधार पर ईमानदारी सूचकांक विकसित करने का फैसला किया है.
विज्ञप्ति में कहा गया कि ईमानदारी सूचकांक के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों, भारत सरकार के विभागों और मंत्रालयों का वार्षिक स्कोर और रैंकिंग जारी की जायेगी. ऐसा करते हुये इन्हें सतर्कता के मौलिक तत्वों, दीर्घकालिक दक्षता, सार्वजनिक संगठनों की लाभप्रदता और स्थायित्व से जोड़ा जायेगा.
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इसमें कहा गया कि इस सूचकांक का उद्देश्य एक ऐसा आतंरिक और बाहरी तंत्र विकसित करना है जो सार्वजनिक संगठनों में ईमानदारी से काम करने को बढ़ावा दे.
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विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘सीवीसी ने ईमानदारी सूचकांक तैयार करने के लिये शोध आधारित रूख अपनाया है जिसका इस्तेमाल विभिन्न संगठन अपनी गणना के लिये कर सकते हैं. यह बदलते वक्त की जरूरतों के हिसाब से तैयार होगा और इस बात को ध्यान में रखते हुये आईआईएम-अहमदाबाद को ईमानदारी सूचकांक विकसित करने के लिये कहा गया है.’’
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इस पहल के लिये शुरू में 25 संगठनों को ईमानदारी सूचकांक तैयार करने के लिये चुना गया है. विज्ञप्ति के मुताबिक बाद में सभी सरकारी संस्थानों में ईमानदारी सूचकांक की परिकल्पना को लागू करने का प्रस्ताव है.(भाषा)
विज्ञप्ति में कहा गया कि ईमानदारी सूचकांक के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों, भारत सरकार के विभागों और मंत्रालयों का वार्षिक स्कोर और रैंकिंग जारी की जायेगी. ऐसा करते हुये इन्हें सतर्कता के मौलिक तत्वों, दीर्घकालिक दक्षता, सार्वजनिक संगठनों की लाभप्रदता और स्थायित्व से जोड़ा जायेगा.
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इसमें कहा गया कि इस सूचकांक का उद्देश्य एक ऐसा आतंरिक और बाहरी तंत्र विकसित करना है जो सार्वजनिक संगठनों में ईमानदारी से काम करने को बढ़ावा दे.
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विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘सीवीसी ने ईमानदारी सूचकांक तैयार करने के लिये शोध आधारित रूख अपनाया है जिसका इस्तेमाल विभिन्न संगठन अपनी गणना के लिये कर सकते हैं. यह बदलते वक्त की जरूरतों के हिसाब से तैयार होगा और इस बात को ध्यान में रखते हुये आईआईएम-अहमदाबाद को ईमानदारी सूचकांक विकसित करने के लिये कहा गया है.’’
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इस पहल के लिये शुरू में 25 संगठनों को ईमानदारी सूचकांक तैयार करने के लिये चुना गया है. विज्ञप्ति के मुताबिक बाद में सभी सरकारी संस्थानों में ईमानदारी सूचकांक की परिकल्पना को लागू करने का प्रस्ताव है.(भाषा)
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