भारत में कोरोना (CORONA) की तीसरी लहर आ चुकी है. इस बीच नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ( OMICRON) देश के अधिकतर राज्यों में अपना पैर पसार चुका है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ट्रेडोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने हाल ही में चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नए वैरिएंट को माइल्ड (हल्का) के तौर पर नहीं मान लेना चाहिए. वहीं ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले पर शुक्रवार को एनडीटीवी से बात करते हुए एम्स जोधपुर में काम करने वाले एक डॉक्टर ने भी सावधान रहने को कहा है. उन्होंने कहा है कि "ओमिक्रॉन को हल्के में न लें".
पेडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में काम करने वाले डॉ तन्मय मोतीवाला (Dr Tanmay Motiwala) बुधवार को कोरोना पॉजिटिव मिले. वह इस समय आइसोलेशन में हैं. उन्होंने कहा कि मैं संभवतः आईसीयू से एक मरीज के संपर्क में आया था, जिसके बाद मुझे हल्का सिरदर्द था. कमजोरी महसूस हो रही थी. इसके बाद मैंने खुद को आइसोलेट कर लिया.
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देश में डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के मामले पर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि हम एक शेड्यूल लेकर आए थे, जब बूस्टर डोज दिए जाने थे. लेकिन कोरोना की लहर ठीक उसी समय आई. उन्होंने कहा कि मैंने कोरोना की पिछली लहर में भी मदद की थी. डॉक्टर पहले भी संक्रमित हुए थे. लेकिन इस बार संख्या अधिक प्रतीत होती है. कुछ जगहों पर पूरा विभाग कोविड पॉजिटिव हो गया. यह वास्तव में चिंताजनक है. कई जगहों पर अधिकारी यह बता रहे हैं कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या कम है या नया वैरिएंट माइल्ड है. डॉ मोतीवाला कहते हैं कि हमें पहले यह समझना होगा कि मामलों की भारी संख्या ने पहले ही सिस्टम पर बोझ डाल दिया है. एक साल के लिए, हमारे पास 40,000 जूनियर डॉक्टर नहीं थे.
डॉ मोतीवाला ने कहा कि जिन लोगों की इम्यूनिटी अच्छी होती है, उनके लिए लक्षण हल्के हो सकते हैं. लेकिन यह जोखिम वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है. अच्छी इम्यूनिटी वाले लोग इससे बच सकते हैं, लेकिन वे इसे अपने लोगों को दे सकते हैं.
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