देश में कोरोनावायरस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या देश में बढ़कर 29,000 के पार जा चुकी है. वहीं, इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 900 से ऊपर है. इस बीच, कोरोनावायरस (Coronavirus) के हल्के लक्षण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन (Home Isolation) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अब तक संदिग्ध मरीज़ और संक्रमित मरीजों के आइसोलेशन की सुविधा अस्पतालों में ही थी. जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखे, उन्हें लेकर क्या किया जाए.
कब होम आइसोलेशन की सलाह ?
- अगर डॉक्टर किसी व्यक्ति में कोरोना का हल्के लक्षण/ माइल्ड सिम्पटम बताए तो वह होम आइसोलेशन कर सकता है.
- घर पर आइसोलेशन की सुविधा हो और परिवार वालों के रहने की भी अलग व्यवस्था हो.
- चौबीसों घंटे एक आदमी निगरानी करे जो अस्पताल के लगातार संपर्क में रहे.
डॉक्टक के सुझाव के मुताबिक कोरोना मरीज़ के संपर्क में आये व्यक्ति को HCQ लेना है.
- आरोग्य सेतु एप (Arogya Setu App) फोन में डाउनलोड करना अनिवार्य और हमेशा ये नेटवर्क में रहे... काम करता रहे.
- मरीज़ को लगातार अस्पताल और जिला के मेडिकल अधिकारी को अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी.
- सेल्फ आइसोलेशन का अंडरटेकिंग देना ज़रूरी.
डॉक्टर से संपर्क करना कब ज़रूरी
- जब सांस की तकलीफ, छाती में लगातार दर्द, मानसिक confusion की हालत में, होठ और चेहरा का नीला पड़ना, जब डॉक्टर मेडीकल ट्रीटमेंट की सलाह दे.
- तब तक आइसोलेशन में रहना है जब तक मेडिकल अधिकारी कोरोना फ्री न करार दे दे. तभी आइसोलेशन खत्म करें.
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