
- कोलकाता की अदालत ने बलात्कार के मामले में आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
- महिला ने बताया कि शिकायत गलतफहमी में हुई थी और अब वह घटना की पूरी जानकारी याद नहीं रखती है.
- महिला ने कहा कि शिकायत उसके दोस्त ने लिखी थी और उसने बिना पढ़े उस पर हस्ताक्षर कर दिए थे.
कोलकाता की एक अदालत ने बलात्कार के एक मामले में आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया है. महिला ने अदालत में बताया कि उसने गलतफहमी के कारण शिकायत दर्ज कराई थी और अब उसे उस घटना की पूरी जानकारी भी याद नहीं है. यह मामला 24 नवंबर 2020 को दर्ज हुआ था, जिसमें आरोपी को अगले दिन गिरफ़्तार किया गया था. उसे 51 दिन जेल में रहना पड़ा और 14 जनवरी 2021 को जमानत मिली थी.
महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह 2017 से आरोपी के साथ रिश्ते में थी. उसने शादी का वादा कर साल्ट लेक के एक होटल में उसके साथ रात बिताई थी, जहां दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने. महिला का आरोप था कि अगली सुबह आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया और भाग गया.
हालांकि, सुनवाई के दौरान महिला ने कहा कि शिकायत उसके दोस्त ने लिखी थी और उसने बिना पढ़े उस पर हस्ताक्षर कर दिए थे. उसने यह भी कहा कि उसे अब कुछ याद नहीं है.
अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 417 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप साबित करने में असफल रहा. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि आरोपी संदेह का लाभ पाने का हकदार है.
फैसले में अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता के बयान से स्पष्ट है कि दोनों वयस्कों के बीच सहमति से संबंध बने थे. महिला ने अपनी गवाही में आरोपी के खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं लगाया. अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह—महिला की मां, दादी और पड़ोसी—भी आरोपों की पुष्टि नहीं कर सके.
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