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घाटी में आतंकवाद के खात्मे के लिए बड़ा एक्शन, तहरीक-ए-लब्बेक के ठिकानों पर छापेमारी

काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें श्रीनगर, गांदरबल, बांदीपुरा, कुलगाम, बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा समेत कई जिलों में छापेमारी की गई.

घाटी में आतंकवाद के खात्मे के लिए बड़ा एक्शन, तहरीक-ए-लब्बेक के ठिकानों पर छापेमारी
यह अभियान गांदरबल आतंकवादी हमले के तुरंत बाद चलाया गया है.

जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में आज कई छापों के बाद तहरीक लबैक या मुस्लिम (टीएलएम) नाम के नए आतंकी समूह का खात्मा कर दिया गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) विंग ने इस आतंकवाद विरोधी अभियान को अंजाम दिया. अधिकारियों ने दावा किया कि टीएलएम लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक ब्रांच है, जिसे कथित तौर पर एक पाकिस्तानी हैंडलर की देखरेख में ऑपरेट किया जा रहा था, जिसे 'बाबा हमास' के नाम से जाना जाता है.

आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को किया ध्वस्त

पुलिस ने बताया कि इस अभियान के दौरान एक नए आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को नष्ट किया गया. अधिकारियों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध माने जाने वाले इस नए समूह को एक पाकिस्तान आतंकवादी द्वारा संचालित किया जा रहा है. इस पाकिस्तानी आतंकवादी को उसके उपनाम ‘बाबा हमास' के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि सीआईके अधिकारियों की छापेमारी अभी जारी है.

छापेमारी के पीछे का था ये मकसद

श्रीनगर, गंदेरबल, बांदीपोरा, कुलगाम, बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में की गई छापेमारी का मकसद टीएलएम के भीतर एक भर्ती मॉड्यूल को नष्ट करना था जो सक्रिय रूप से युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए संगठित करने में शामिल था. माना जाता है कि हाल के महीनों में भर्ती में हो रही बढ़ोतरी के पीछे इसी समूह का हाथ है. वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांदरबल हमले में दो आतंकवादियों के शामिल होने की पुष्टि की है, जो संभवतः उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा क्षेत्र से घुसपैठ कर आये हैं.

टीएलएम हाल ही में बना नया संगठन

फिलहाल शुरुआती जांच से पता चलता है कि टीएलएम हाल ही में बना एक संगठन है, लेकिन इस क्षेत्र में सबसे सक्रिय आतंकवादी समूहों में से एक लश्कर-ए-तैयबा से वैचारिक ताल्लुक रखता है. इस समूह को 'बाबा हमास' द्वारा तैयार किया जा रहा था, जो एक ज्ञात पाकिस्तानी हैंडलर है, जिसके अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क से गहरे संबंध हैं. रिपोर्ट के अनुसार, उसकी भूमिका सीमा पार से घुसपैठ और टीएलएम के लिए भर्ती करने में थी.

खुफिया जानकारी के आधार पर हुआ एक्शन

खुफिया जानकारी के आधार पर ये छापेमारी की गई. अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान नई भर्ती और उन्हें संगठित करने में शामिल प्रमुख लोगों को निशाना बनाने के लिए पूरी सटीकता के साथ चलाया गया. गांदरबल हमले के बाद कश्मीर घाटी में पहले से ही तनाव है, इसलिए सभी प्रमुख शहरी केंद्रों और सीमा से सटे जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. यहां तक कि चौकियों को बढ़ा दिया गया है और सतर्कता बनाए रखने के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.

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