बीते पांच साल से रक्षा मंत्रालय में अस्थायी कर्मचारी के तौर पर नौकरी कर रहे वीरेंद्र सिंह को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रक्षा मंत्रालय के ही दस्तावेज चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है और उसके पास से फर्जी आई कार्ड और ऐंट्री पास भी बरामद किया है।
पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी ने कहा कि ये मामला काफी बड़ा है और ऐसे में जांच के दौरान कई और गिफ्तारियां होंगी। पुलिस के मुताबिक वीरेंद्र पेट्रोलियम मंत्रालय के गिरफ्तार कर्मचारी लालता प्रसाद और दलाल राज कुमार चौबे के संपर्क में था। राजकुमार की कार मंत्रालयों में आसानी से आ जा सके इसके लिए फर्जी स्टिकर और पास भी वीरेंद्र ने ही मुहैया करवाया।
वीरेंद्र की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में अब तक 14 लोग गिफ्तार हो चुके हैं पुलिस कमिश्नर का कहना है कि अभी तक की जांच में कोयला, बिजली, पेट्रोलियम और रक्षा मंत्रालय के किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत के सबूत नहीं मिले हैं। वहीं दस्तावेज चोरी की दूसरी एफआईआर के मामले में गिरफ्तार आरोपी लोकेश की निशानदेही पर पुलिस ने जनकपुरी की एक कंसलटेंसी कंपनी के दफ्तर में छापा मारा और कुछ दस्तावेज बरामद किए।
पुलिस रिमांड के बाद कॉरपोरेट घरानों के 5 अफसरों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 5 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया गया। वहीं आरोपी वीरेंद्र को 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
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