
Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)मंगलवार की सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर नया ऐलान करेंगे. देश में इस समय 21 दिन का लॉकडाउन जारी है, जो 14 अप्रैल को ही खत्म होगा. राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हुई बैठक में संकेत दिए हैं कि कुछ 'रियायतों' के साथ लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया जाएगा. इस पर लगभग सभी राज्यों ने सहमति जताई है. यही नहीं, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों ने तो अपने यहां 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा भी कर दी जाए. ऐसे समय जब देश समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चुनौती का सामना कर रहे है, NDTV ने कई विशेषज्ञों से बात करके यह जानने की कोशिश की किन 10 खास बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. डालते हैं इन पर नजर..
1. मेडिकल स्टाफ के लिए: देश और विश्व स्तर पर बड़े पैमाने पर उपकरणों की आपूर्ति के आदेश दिए जाएं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उपकरण, दवाएं और अन्य जरूरी सामग्री डॉक्टरों, नर्सों और अस्पताल के कर्मचारियों तक जल्द से जल्द पहुंचाई जाए.
2.पेशेंट्स की देखभाल और अस्पताल की क्षमता: कोरोनोवायरस रोगियों को लेकर किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए बड़ी संख्या में अस्पताल और और लाखों बेड की व्यवस्था करनी चाहिए. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्राइवेट अस्पताल भी कोरोनोवायरस रोगियों को भर्ती करें. सरकार को COVID-19 रोगियों के इलाज की लागत के लिए सभी निजी अस्पतालों को सब्सिडी देनी चाहिए.
3.अस्पताल के उपकरण और चिकित्सा: 100 निजी कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर वेंटिलेटर तैयार करने के निर्देश दिए जाएं. इन कंपनियों को इस बात की गारंटी दी जाए कि यह उपकरण सरकार खरीदेगी. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxycghloroquine) सहित उपचार दवाओं का भरपूर स्टॉक सुनिश्चित किया जाए.
4. टेस्ट किट: FDA द्वारा अनुमोदित कई लाख रैपिड टेस्ट किट की तत्काल खरीदी करें. यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है तो तो लक्षणों की गंभीरता के आधार पर उन्हें घर या अस्पताल में क्वारंटाइन किया जाना चाहिए. सभी प्राइवेट लैब्स और अस्पतालों के कोरोना टेस्ट पर सब्सिडी देने के लिए सरकारी पैकेज की घोषणा कर बेहद जरूरी है.
5. गरीबों और प्रवासी कामगारों के लिए: अगले 2 माह के लिए तुरंत एक और पैकेज की घोषणा करें. इसमें ऐसे हर शख्स के अकाउंट में हर सप्ताहप्रति सप्ताह 1000 रुपये के कैश ट्रांसफर, 80 मिलियन टन खाद्यान्न का तुरंत मुफ्त वितरण जैसे बातों को शामिल किया जाए. यही नहीं, तीन महीने के लिए सभी 'बेदखली/वसूलियों' पर रोक लगा दी जाए. गुरुद्वारों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य संस्थानों को खाद्यान्न और दालों आदि की आपूर्ति करें जो सीधे गरीबों को खाना खिला रहे हैं. यह सुनिश्चित करें कि नौकरशाही पर हावी लालफीताशाही इस मार्ग में अड़चन नहीं बन पाए.
6. फसल के मौसम में किसानों पर दे खास ध्यान: यह सुनिश्चित करना होगा कि कृषि श्रमिक फसल के लिए खेतों की ओर लौट सकें. फसल कटाई के दौरान किसानों को रियायत देने के साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि थ्रेसिंग, अनाज को सरकारी मंडियों में पहुंचाने और खाद्य निगम को गोदामों में भेजने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए. सरकार को इसके लिए नकद आवंटित करना चाहिए और पूरा भुगतान करना चाहिए. प्रवासी श्रमिकों को फसल के बाद आश्वासन दें कि जब तक वे घर नहीं जा सकते, उन्हें साप्ताहिक पैकेज दिया जाएगा.
7.लघु और मझोले आकार के उद्योगों के लिए: अगले तीन महीनों तक पैकेज की घोषणा करें, इसमें छोटे और मध्यम उद्यमों को ऋण देने के लिए सिडबी (Small Industries Development Bank of India) के लिए पर्याप्त राशि की व्यवस्था की जाए. तीन महीने के लिए सभी वसूली पर प्रतिबंध लगाया जाए
8. बड़े उद्योग: ये उद्योग बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार देते हैं और इनका इकोनॉमी और सप्लाई चेन से सीधा संबंध होता है.आपूर्ति श्रृंखला सहित अर्थव्यवस्था के बाकी हिस्सों के साथ बड़े पैमाने पर संबंध रखते हैं. इन बड़ी फर्मो के लिए RBI को कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को तैयार करने के तरीके अपनाने चाहिए. इसमें आरबीआई के नए तरीके शामिल होंगे जैसे कि बीमा कंपनियों को ऋण प्रदान करना और NBFC को अच्छी तरह से चलाना और कॉर्पोरेट बॉन्ड खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना.
9. लॉकडाउन के दौरान नियोजित तरीके से दें रियायत: लॉकडाउन के दौरान कुछ रियायतें देने के लिए जरूरी बातों पर ध्यान रखना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में ध्यान रखना होगा. बाहर जाने के लिए मास्क को अनिवार्य रखा जाना चाहिए. ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बहाली के लिए भी खास तरीके अपनाने होंगे, मसलन विमान, ट्रेन और बसों में बैठाने के दौरान यात्रियों के बीच दूरी का पर्याप्त ध्यान रखा जाए, क्षमता की तुलना में एक तिहाई लोगों को बैठाया जाए और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को लॉकडाउन में रखा जाएगा.
10. वैश्विक स्तर पर: वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ भी मिलकर काम करना होगा. खास बात यह है कि कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद ज्यादातर पूर्वानुमान भारत की विकास दर के पॉजिटिव रहने के संकेत दे रहे हैं. हालांकि केवल 2% जीडीपी वृद्धि का अनुमान है लेकिन मौजूदा हालात में संभवतः यह दुनिया में सबसे अधिक होगी.
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